सीवान. तेजाब से दो लड़कों के मर्डर मामले में सीवान के पूर्व आरजेडी सांसद शहाबुद्दीन को कोर्ट ने दोषी मान लिया गया है. स्पेशल कोर्ट ने शहाबुद्दीन समेत चार दोषियों को उम्रकेद की सजा सुनाई है. शहाबुद्दीन पर व्यवसायी चन्द्र केश्वर प्रसाद उर्फ चंदा बाबू के दो बेटों गिरीश और सतीश पर तेजाब छिड़कर हत्या कराने का आरोप है. सरकारी रिकॉर्ड के हिसाब से 2004 में हुई इस घटना के वक्त शहाबुद्दीन जेल में थे. लेकिन फैसले से साबित हो गया है कि जेल एडमिनिस्ट्रेशन झूठ बोल रहा था.
क्या है मामला?
सीवान का यह मामला तेजाब कांड के नाम से जाना जाता है. व्यवसायी और शहाबुद्दीन के बीच भूमि को लेकर विवाद था. इसी को लेकर आरोप है कि 16 अगस्त 2004 के दिन शहाबुद्दीन के इशारे पर चंद्रा के बेटों का अपहरण हुआ और उन्हीं के इशारे पर प्रतापपुर गांव में तेजाब से दोनों की हत्या कर दी गई.
हालांकि तब जेल प्रशासन का दावा था कि शहाबुद्दीन हत्या के दौरान जेल में था. वह कैसे हत्या को अंजाम को दे सकता है. तब इस मामले में अज्ञात के खिलाफ अपहरण की एफआईआर दर्ज कराई गई थी.
मां ने दर्ज कराई थी एफआईआर
इस मामले में मृतकों की मां कलावती ने शहाबुद्दीन पर उनके तीनों पुत्रों के अपहरण और उनमें से दो की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाते हुए पूर्व सांसद और उनके तीनों साथियों, राजकुमार साह, शेख असलम और आरिफ हुसैन के खिलाफ स्थानीय थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी.