नई दिल्ली. ब्लैक मनी पर मोदी सरकार ने इंडस्ट्री लॉबी ग्रुप्स के साथ कुछ सांसदों के दबाव को ठुकरा दिया है. सूत्रों के अनुसार ब्लैक मनी बिल को कमजोर करने के लिए सत्ताधारी पार्टी के अलावा अन्य पार्टियों के सांसद लॉबीइंग कर रहे हैं.
नई दिल्ली. ब्लैक मनी पर मोदी सरकार ने इंडस्ट्री लॉबी ग्रुप्स के साथ कुछ सांसदों के दबाव को ठुकरा दिया है. सूत्रों के अनुसार ब्लैक मनी बिल को कमजोर करने के लिए सत्ताधारी पार्टी के अलावा अन्य पार्टियों के सांसद लॉबीइंग कर रहे हैं. बिल में विदेशों में छुपाए धन का खुलासा नहीं करने या इसे पनाह देने पर 10 साल की कैद का प्रस्ताव है, जिसे सांसद खत्म कराना चाहते हैं. कुछ सांसदों ने इस बिल को सिलेक्ट समिति के पास भेजने की सलाह दी है ताकि कड़े नियमों को कमजोर किया जा सके. इसमें यह नियम भी अनिवार्य है कि एक लाख से ऊपर के हर ट्रांजैक्शन पर परमानेंट पैन नंबर देना अनिवार्य होगा, रियल एस्टेट डील्स में 20,000 से ऊपर के अडवांस पेमेंट को बैन ताकि इकॉनमी में ब्लैक मनी के प्रसार को रोका जा सके. हालांकितर्क दिया जा रहा है कि इसका आर्थिक विकास और रोजगार पर बुरा असर पड़ेगा क्योंकि डिमांड प्रभावित होगी.