नई दिल्ली. यूजीसी के द्वारा रिसर्च छात्रों को मिलने वाली फेलोशिप को बंद करने के विरोध में मंगलवार के दिन आल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन ने आईटीओ से जंतर-मंतर तक मार्च किया. जंतर मंतर पर जमा हुए प्रदर्शनकारी छात्रों के अनुसार वह सरकार के फैसले के खिलाफ है. छात्रों के मुताबिक नैरोबी सम्मेलन के तहत शिक्षा को वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन को सौंपना गलत है. इसी सम्मेलन के अनुसार फेलोशिप को बंद करने का फैसला लिया गया. यह शिक्षा को प्राइवेट इंस्टीट्यूशन में बदलने जैसा है. हम इसका विरोध करते है.
वही जंतर मंतर पर आयोजित सभा में सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटेकर, योगेन्द्र यादव, कविता कृष्णन और नविदिता नारायन मौजूद थे. बता दें कि यह प्रदर्शन नॉन नेट रिसर्च की फेलोशिप बंद करने के विरोध में डेढ़ महीने से जारी है.
हालांकि इस मुद्दे पर छात्रों की चिंता और विरोध को देखते हुए मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि सरकार ने नेट और गैर नेट छात्रवृत्ति दोनों को लेकर यूजीसी द्वारा दी जाने वाली शोध छा़त्रवृत्तियों से संबंधित मुद्दों पर गौर करने के लिए एक समीक्षा समिति गठित की है. समिति दिसंबर 2015 तक मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट देगी.