नई दिल्ली. दुनिया की सबसे बड़ी सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक के यूजर साइट पर विज्ञापन और प्रचार से इतने परेशान हो गए हैं कि एक बेहतर विकल्प कभी भी फेसबुक के साम्राज्य को भरभरा सकता है. निश्चित रूप से फेसबुक पर एक यूजर के पास तमाम तरह की नेटवर्किंग का विकल्प है लेकिन उसकी कीमत वसूलने में फेसबुक ने अब हद ही कर दी है.
मसलन, आपने कोई पेज बनाया है और आप उस पर लाइक चाहते हैं तो फेसबुक ये लाइक आपको दिला सकता है लेकिन इसके बदले में हर लाइक के लिए आपको उसे कम से कम 5 रुपए एडवांस में देने होंगे. सबसे सस्ता पैकेज 68 रुपए का है जिसके बदले फेसबुक आपको 3 से 13 लाइक दिलाने का भरोसा देता है. मतलब इस पैकेज में लाइक की कीमत 23 रुपए तक भी जा सकती है और कम से कम 5 रुपए तो है ही.
पांच रुपए से 20 रुपए तक के पड़ते हैं एक लाइक
वैसे ही अगर आप 1014 रुपए का पैकेज लेंगे तो फेसबुक आपको कम से कम 49 और ज्यादा से ज्यादा 195 लाइक दिलाने का काम करेगा. इस हिसाब से एक लाइक कम से कम 5 रुपए और ज्यादा से ज्यादा 20-21 रुपए तक का आएगा. इस तरह के कई पैकेज ऑप्शन हैं लेकिन हर पैकेज में लाइक की कीमत किसी भी सूरत में 5 रुपए से नीचे जाती नहीं दिखती है. एक यूजर के तौर पर सोचिए कि लाइक हम करेंगे और पैसा फेसबुक कमाएगा. लाइक हमारा और उसकी डील फेसबुक करके कमाई कर रहा है.
प्रोमोटेड पेज, स्पांसर्ड पोस्ट, ये लाइक करो, वो लाइक करो जैसे कमाई के पहले ही फेसबुक ने दर्जनों तरीके निकाल रखे थे. फेसबुक पर कुछ दिनों से स्टेट्स स्पेस भी बिका हुआ नज़र आने लगा है. जैसे ही आप स्टेट्स डालने के लिए क्लिक करते हैं तो फेसबुक पहले से किसी इवेंट या मसले पर ऑटोफिल मोड में आपसे उस पर लिखने कहता है. आपके पास विकल्प है कि आप उसे क्रॉस करके अपनी ही बात लिखें लेकिन इवेंट के नोटिस का स्ट्राइक रेट तो फेसबुक की तिजौरी में रुपए बरसा रहा है.