हासिमारा. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि भारत शांति के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन अगर इसकी संप्रभुता को चुनौती दी गई तो अपनी ‘पूरी ताकत’ का इस्तेमाल करेगा. पूर्वी सेक्टर के हासिमारा के सैन्य हवाई अड्डे पर एक कार्यक्रम में राष्ट्रपति ने आपदा की हालत में लोकोपकारी कार्रवाईयों के लिए भारतीय वायुसेना की सराहना की. राष्ट्रपति तीनों सेनाओं के सर्वोच्च कमांडर भी हैं.
इससे पहले राष्ट्रपति ने यहां तैनात वायुसेना के 18 स्क्वाड्रन और 22 स्क्वाड्रन को प्रेजीडेंट स्टैंडर्ड से सम्मानित किया. इन दोनों स्क्वाड्रन ने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. प्रेजीडेंट स्टैंडर्ड वायुसेना की किसी इकाई या स्क्वाड्रन को दिए जाने वाले सर्वोच्च सम्मानों में से एक है. यह युद्ध और शांति के समय देश की उल्लेखनीय सेवा के लिए दिया जाता है.
राष्ट्रपति ने कहा, “हम शांति के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं, लेकिन हम अपने देश की संप्रभुता की रक्षा के लिए पूरी ताकत का इस्तेमाल करेंगे. मुझे पूरी उम्मीद है कि हमारे बहादुर सैनिक पुरुष और महिलाएं समय आने पर इसे साबित कर दिखाएंगे.”
भूटान सीमा से 15 किलोमीटर पहले स्थित वायुसेना के इस हवाई अड्डे को चीन, बांग्लादेश और भूटान के निकट होने की वजह से काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. इसे 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद बनाया गया था. यहां मिग-27 के दो स्क्वाड्रन और आकाश मिसाइल प्रणाली तैनात हैं.