नई दिल्ली. अजमेर के प्रसिद्ध सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती का 803वां उर्स (वार्षिक भोज) सोमवार से शुरू हो रहा है. इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने दरगाह के लिए चादर भिजवाई है
नई दिल्ली. अजमेर के प्रसिद्ध सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती का 803वां उर्स (वार्षिक भोज) सोमवार से शुरू हो रहा है. इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने दरगाह के लिए चादर भिजवाई है. अजमेर के चिश्ती फाउंडेशन के निदेशक हाजी सैयद सलमान चिश्ती ने बताया कि एक लाल रंग की कढ़ाईदार चादर ओबामा की तरफ से उर्स के उद्घाटन के दिन गरीब नवाज की दरगाह पर चढ़ाया जाए.
इस चादर को अमेरिकी सरकार और ओबामा की तरफ से अमेरिका के राजदूत रिचर्ड वर्मा, मिशन के उपप्रमुख माइकल पेलेटियर और अन्य अधिकारियों ने शुक्रवार सुबह हाजी चिश्ती को सौंप दी. हाजी चिश्ती ने कहा, ‘यह एक ऐतिहासिक और स्वागत योग्य दिन है. एक गैर दक्षिण एशियाई देश के प्रमुख द्वारा अजमेर दरगाह शरीफ के शांति के आध्यात्मिक संदेश को फैलाने का यह पहला कदम है. इस संप्रदाय के 27वें वंशज हाजी चिश्ती ने मुंबई में यह बात कही. वह यहां एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए थे.’
उन्होंने विस्तार से बताया कि विभिन्न दक्षिण एशियाई देशों के राष्ट्रपतियों, प्रधानमंत्रियों और अन्य शीर्ष नेताओं सहित नियमित रूप से पाकिस्तान और श्रीलंका से भी इस तरह की चादरों और भेंटों को बड़े सम्मान के साथ लिया जाता है. हाजी चिश्ती ने कहा, ‘यह पहला मौका है, जब किसी गैर-दक्षिण एशियाई देश के प्रमुख ने अजमेर दरगाह शरीफ पर चादर भेजी है. इससे वैश्विक शांति के लिए अन्य समुदायों में भी अच्छा संदेश जाएगा.’ उन्होंने बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति की ओर से यह चादर सोमवार सुबह 11 बजे दरगाह पर चढ़ाई जाएगी. 25 अप्रैल को उर्स के मुख्य दिन और 28 अप्रैल को इसकी समाप्ति के दिन विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं. 28 अप्रैल को उर्स के समापन के अवसर पर पूरे दरगाह शरीफ को भक्तों द्वारा धोया जाएगा.
IANS