भोपाल: मध्य प्रदेश में कलेक्टर ने प्राइवेट स्कूलों द्वारा अवैध तरीके से वसूली गई फीस पर सख्त कार्रवाई करते हुए 10 स्कूलों को 65 करोड़ रुपये लौटाने का आदेश दिया है. यह कार्रवाई माता-पिता और अभिभावकों की शिकायतों के बाद की गई है, जिनमें कहा गया था कि स्कूलों ने कोरोना महामारी के दौरान फीस […]
भोपाल: मध्य प्रदेश में कलेक्टर ने प्राइवेट स्कूलों द्वारा अवैध तरीके से वसूली गई फीस पर सख्त कार्रवाई करते हुए 10 स्कूलों को 65 करोड़ रुपये लौटाने का आदेश दिया है. यह कार्रवाई माता-पिता और अभिभावकों की शिकायतों के बाद की गई है, जिनमें कहा गया था कि स्कूलों ने कोरोना महामारी के दौरान फीस के नाम पर अनियमितताएं की हैं.
मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों से कई माता-पिता और अभिभावकों ने शिकायत की थी कि प्राइवेट स्कूलों ने कोरोना के दौरान अवैध तरीके से अधिक फीस वसूली है. इन शिकायतों के आधार पर कलेक्टर ने एक जांच कमेटी गठित की, जिसने सभी आरोपों की जांच की और पाया कि 10 प्राइवेट स्कूलों ने नियमों का उल्लंघन करते हुए फीस वसूली है.
जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर कलेक्टर ने आदेश जारी किया कि, इन 10 स्कूलों को अवैध तरीके से वसूली गई 65 करोड़ रुपये की फीस वापस करनी होगी. कलेक्टर ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि स्कूल आदेश का पालन नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
कलेक्टर के इस फैसले से अभिभावकों ने राहत की सांस ली है. कई माता-पिता ने कहा कि महामारी के दौरान उनकी आर्थिक स्थिति पहले से ही खराब थी और स्कूलों द्वारा अधिक फीस वसूलने से उनकी मुश्किलें और बढ़ गई. इस निर्णय से उन्हें न्याय मिला है और उम्मीद है कि भविष्य में ऐसी अनियमितताएं नहीं होंगी.
बता दें कि, कई स्कूलों ने कलेक्टर के आदेश पर सवाल उठाए हैं और कहा है कि उन्होंने किसी भी प्रकार की अनियमितता नहीं की है. कुछ स्कूलों ने कहा है कि वे इस फैसले को अदालत में चुनौती देंगे. वहीं, कुछ स्कूलों ने कलेक्टर के आदेश का पालन करने की बात भी कही है.
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