मुंबई : महाराष्ट्र की सियासत में 2 जुलाई के बाद से आया भूचाल अभी तक शांत नहीं हुआ है. जब से एनसीपी के नेता अजित पवार ने शिंदे सरकार को समर्थन दिया है उसके बाद से एनसीपी में दो गुट हो गए है. शिंदे सरकार को समर्थन देने के बाद अजित पवार ने डिप्टी सीएम […]
मुंबई : महाराष्ट्र की सियासत में 2 जुलाई के बाद से आया भूचाल अभी तक शांत नहीं हुआ है. जब से एनसीपी के नेता अजित पवार ने शिंदे सरकार को समर्थन दिया है उसके बाद से एनसीपी में दो गुट हो गए है. शिंदे सरकार को समर्थन देने के बाद अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली है और उनके साथ 8 विधायकों ने मंत्री पद की भी शपथ ली है लेकिन अभी तक विभागों का बंटवारा नहीं हो पाया है. बीते दिनों डिप्टी सीएम अजित पवार और प्रफुल्ल पटेल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अमित शाह से मिलने के बाद जल्द ही मंत्रियों के विभागों का आवांटन किया जाएगा.
राजनीतिक पंडितों के अनुसार जब से एनसीपी नेता अजित पवार ने शिंदे सरकार को समर्थन दिया है उसके बाद से एकनाथ शिंदे कुछ कमजोर हो गए है. डिप्टी सीएम अजित पवार वित्त मंत्रालय पर अड़े थे लेकिन सीएम शिंदे वित्त मंत्रालय देने के विचार में नहीं थे, लेकिन खबर आ रही है कि डिप्टी सीएम अजित पवार को वित्त मंत्रालय मिल सकता है. वहीं धनंजय मुंडे को कृषि मंत्रालय मिल सकता है. शरद पवार के करीबी माने जाने वाले लेकिन अब अजित पवार के खेमें मे शामिल हुए छगन भुजबल खाद्य और सार्वजिनक मंत्रालय मिलने की उम्मीद है.
एनसीपी के कद्दावर नेता और मंत्री दिलीप वाल्से पाटिल को सहकारिता मंत्रालय दिए जाने की उम्मीद है. मंत्री हसन मुशरीफ को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में अपना योगदान दे सकते हैं. अजित पवार के करीबी मानी जानी वाली अदिति तटकरे को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की जिम्मेदारी मिल सकती है. वहीं खेल मंत्रालय का जिम्मा अनिल भाईदास पाटिल को मिल सकता है. मंत्री धर्माराव आत्राम को खाद्य और औषधि मंत्रालय का जिम्मा मिल सकता है.
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