नई दिल्ली: मुंबई में सरेआम NCP नेता बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या कर दी गई. इस मामले में लॉरेंस बिश्नोई का नाम सामने आया है. इससे पहले लॉरेंस बिश्नोई ने सलमान के घर पर गोलियां चलवाईं थी. तो ऐसे में बड़ा सवाल ये उठ रहा कि एक अपराधी जो जेल में बैठकर खुलेआम लोगों […]
नई दिल्ली: मुंबई में सरेआम NCP नेता बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या कर दी गई. इस मामले में लॉरेंस बिश्नोई का नाम सामने आया है. इससे पहले लॉरेंस बिश्नोई ने सलमान के घर पर गोलियां चलवाईं थी. तो ऐसे में बड़ा सवाल ये उठ रहा कि एक अपराधी जो जेल में बैठकर खुलेआम लोगों पर गोलियां चलवा रहा है. तो मुबंई पुलिस इस मामले में कुछ क्यों नहीं कर पा रही है. लारेंस बिश्नोई का नाम कई हाई प्रोफाइल केस में सामने आ चुका है.
बता दें इस साल अप्रैल में सलमान खान के घर पर हुई गोलीबारी की घटना में गैंगस्ट लारेंस बिश्नोई का नाम सामने आया था. मुंबई पुलिस ने कई आवेदन दायर किए, परंतु कुख्यात गैंगस्टर की हिरासत हासिल करने में सफल नहीं हो पाई. जिसके बाद शनिवार को महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या कर दी गई. बिश्नोई गुट ने बाबा सिद्दीकी की हत्या की जिम्मेदारी ली और मुंबई पुलिस उनकी संलिप्तता की जांच कर रही है. इसके अलावा, हत्या के लिए गिरफ्तार किए गए शूटरों ने भी गिरोह से होने का दावा किया है.
इसके पीछे का मुख्य कारण है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आदेश जारी किया है. जो कि अहमदाबाद के साबरमती जेल से बिश्नोई के ट्रांसफर पर रोक लगाता है. दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 268 (1) के तहत ये आदेश जारी होता है. ये आदेश हाई-प्रोफाइल कैदियों की आवाजाही पर रोक लगाने की शक्ति देता है, क्योंकि इससे कानून और व्यवस्था प्रभावित होने की संभावना होती है. यह शुरू में अगस्त 2024 तक प्रभावी था, लेकिन कथित तौर पर इसे बढ़ा दिया गया है.
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