पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने की कोशिश तेज कर दी है। इसी कड़ी में उन्होंने बुधवार (12 अप्रैल) को दिल्ली में तमाम बड़े नेताओं के साथ बैठक आयोजित की। इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे समेत पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी मौजूद थे। […]
पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने की कोशिश तेज कर दी है। इसी कड़ी में उन्होंने बुधवार (12 अप्रैल) को दिल्ली में तमाम बड़े नेताओं के साथ बैठक आयोजित की। इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे समेत पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी मौजूद थे। साथ ही बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, बिहार कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह, जदयू अध्यक्ष ललन सिंह और बिहार सरकार के मंत्री संजय झा भी इस बैठक में मौजूद थे।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बैठक के बाद कहा कि इस मुद्दे को सुलझा लिया गया है। हमने काफी देर तक बात चीत की। देश भर में ज़्यादा से ज़्यादा दलों को एकजुट करने का प्रयास किया जाना चाहिए। इस बात पर सहमति बनी है कि हम भविष्य में साथ काम करेंगे। खबर है कि राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी इसे विपक्ष को एकजुट करने का ऐतिहासिक कदम बताया।
खबर है कि मुताबिक विपक्षी दलों से बातचीत के बाद अप्रैल के अंत में सभी के साथ बैठक की जाएगी। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे विपक्षी दलों को संबोधित करेंगे। इस तरह की एक और बैठक इस महीने के अंत में होने की संभावना है। इस दौरान मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि बैठक के बाद फैसला लिया गया है कि आने वाले चुनावों में सभी पार्टियों को एकजुट करके चुनाव लड़ा जाएगा। इस दौरान हमारी कोशिश रहेगी की सभी पार्टियों को एकजुट करते हुए चुनाव लड़ा जाए। हम सब उसी रास्ते पर काम कर रहे हैं।
यहां पर तेजस्वी जी, नीतीश जी और हमारे अन्य सभी नेतागण बैठे हुए हैं। हम सब इसी लाइन पर काम करेंगे।वहीं बैठक के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि, आगामी चुनावों को लेकर गठबंधन को एकजुट करने का प्रयास किया गया है। हम सब साथ बैठेंगे और चीजों को तय करेंगे। हम लोगों के बीच इस मामले को लेकर अंतिम तौर पर बात हो गई है। जितने लोग हमारे साथ सहमत होंगे, हम उनके साथ भी बात करेंगे।
इस मौके पर राहुल गांधी ने कहा कि जो नीतीश जी ने कहा कि विपक्ष को एक करेंगे ये कदम काफी ज्यादा ऐतिहासिक है। कितनी विपक्षी पार्टियों को इकट्ठा करना है, ये एक प्रक्रिया है। विपक्ष का जो भी नजरिया है, उस हम विकसित करेंगे और जो भी पार्टियां विचाराधारा की लड़ाई में साथ आना चाहती हैं उसको लेकर चलेंगे। जो संस्थानों पर आक्रमण हो रहा है, देश पर आक्रमण हो रहा है, उसके खिलाफ हम लड़ेंगे।