रांची: झारखंड के गुमला जिला के बिशुनपुर थाना क्षेत्र के हाड़ुप रीसापाठ गांव के रहने वाले इंद्रनाथ उरांव ने अपने 65 वर्षीय चचेरा दादा तुरी उरांव और 60 वर्षीय दादी नयहरी देवी को डायन-बिसाही के शक में डंडो से पीट-पीटकर जान से मार दिया। इसके बाद आरोपी पोता इंद्रनाथ उरांव गुमला जिला के बिशुनपुर थाने […]
रांची: झारखंड के गुमला जिला के बिशुनपुर थाना क्षेत्र के हाड़ुप रीसापाठ गांव के रहने वाले इंद्रनाथ उरांव ने अपने 65 वर्षीय चचेरा दादा तुरी उरांव और 60 वर्षीय दादी नयहरी देवी को डायन-बिसाही के शक में डंडो से पीट-पीटकर जान से मार दिया। इसके बाद आरोपी पोता इंद्रनाथ उरांव गुमला जिला के बिशुनपुर थाने पहुंचकर पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. इस बात की जानकारी मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंचकर शवों को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए हॉस्पिटल भेज दिया। शव को हॉस्पिटल भेजने के बाद छानबीन शुरू कर दी है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रात को इंद्रनाथ उरांव ने सपने में देखा कि उसके दादा-दादी जादू-टोना कर उसे मारना चाहते हैं. इसके बाद इंद्रनाथ उरांव ने 65 वर्षीय चचेरा दादा तुरी उरांव को उसके खेत के पास पकड़ लिया और उसे डंडो से पीटा. जिसके बाद उसकी मौत हो गई. इसी दौरान तुरी उरांव की पत्नी नयहरी देवी ने पति को बचाने के लिए खेत पहुंची लेकिन पति को मारते देख वह किसी तरह अपनी जान बचाकर खेत से घर आ गई. इसके बाद दौड़ाते हुए इंद्रनाथ गांव पहुंचा और घर में घुसकर दादी नयहरी देवी को डंडो से पीटकर जान से मार दिया।
हत्या करने के बाद बिशुनपुर थाना में इंद्रनाथ खूद को सरेंडर कर दिया. रिपोर्ट के मुताबिक दादा-पोता के बीच कई दिनों से जमीन को लेकर विवाद चल रहा था. इस संबंध में बिशुनपुर थाना प्रभारी कुंदन कुमार ने कहा कि इस घटना को देखकर ऐसा प्रतित होता है कि दादा-दादी की हत्या अंधविश्वास और जमीन विवाद को लेकर हुई है. आरोपी इंद्रनाथ को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस एंगल से जांच कर रही है।
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