World Wrestling Championships 2019: 14 सितंबर से कजाकिस्तान में विश्व कुश्ती चैंपियनशिप की शुरुआत, हर किसी की जुबान पर बजरंग पूनिया का नाम, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक समेत कई दिग्गज मैदान में

World Wrestling Championships 2019: 14 सितंबर यानी शनिवार से कजाकिस्तान की राजधानी नूर सुल्तान (आस्ताना) में दुनियाभर के पहलवानों का दंगल यानी विश्व कुश्ती चैंपियनशिप शुरू हो रहा है जिसमें भारतीय रेसलर भी अपनी किस्मत आजमाने के साथ ही अगले साल जापान में होने जा रहा टोक्यो ओलिंपिक 2020 का टिकट हासिल करने के लिए जी-जान लगाते दिखेंगे. भारतीय कुश्ती के सिरमौर बजरंग पुनिया का आस्ताना में बोलबाला दिख रहा है और वह एकमात्र ऐसे भारतीय हैं जिन्हें विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में टॉप सीड मिली है. आस्ताना में सुशील कुमार, साक्षी मलिक, विनेश फोगाट समेत कई भारतीय पहलवानों का जलवा देखने को मिलेगा. जानें किस खिलाड़ी का कब मैच होगा.

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World Wrestling Championships 2019: 14 सितंबर से कजाकिस्तान में विश्व कुश्ती चैंपियनशिप की शुरुआत, हर किसी की जुबान पर बजरंग पूनिया का नाम, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक समेत कई दिग्गज मैदान में

Aanchal Pandey

  • September 13, 2019 9:36 pm Asia/KolkataIST, Updated 5 years ago

आस्ताना. World Wrestling Championships 2019: वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप 2019 में करीब-करीब हर विदेशी की जुबान पर बजरंग पूनिया का नाम है. एक्रिडिएशन हॉल से लेकर मीडिया सेंटर और वारेस एरिना के वॉर्म अप क्षेत्र तक हर भारतीय से बजरंग के बारे में ही पूछा जा रहा है. दरअसल, बजरंग इस समय दुनिया के नंबर एक पहलवान हैं और उनकी कुश्ती 19 सितंबर को होगी. उनके वजन में तीन बार के वर्ल्ड चैंपियन हाजी अलीयेव हैं, जिन्हें उन्होंने प्रो रेसलिंग लीग में हराया है. ओलिंपिक, वर्ल्ड और यूरोपीय चैंपियन रह चुके व्लादीमिर खिनचेंगाशिली भी अब उनके वजन में आ गए है और पिछली वर्ल्ड चैंपियनशिप के फाइनल में बजरंग जिस जापानी पहलवान से हारे थे, वह पहलवान भी अपने खिताब की रक्षा के लिए दंभ ठोक रहा है. विनेश फोगाट 17 को और सुशील कुमार 20 को अपने अभियान की शुरुआत करेंगे.

विनेश फोगाट और साक्षी मलिक के पास लंबा अनुभव
बजरंग पूनिया की कुश्ती वाले दिन ही रियो ओलिंपिक की कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक, एशियाई खेलों और कॉमनवेल्थ गेम्स की पदक विजेता दिव्या काकरान और भारतीय कुश्ती की नई सनसनी रवि भी अपने अभियान की शुरुआत करेंगे. जब से दिव्या ने एशियाई अंडर 23 का खिताब अपने नाम किया है, तब से उनमें नए सिरे से ऊर्जा आई है. जरूरत है तो बस उन्हें अपनी फिटनेस को बरकरार रखने की. रवि पिछले साल वर्ल्ड अंडर 23 के सिल्वर मेडलिस्ट हैं जबकि इस साल मेदवेद कप में भी उन्हें पदक जीतकर अपनी अच्छी फॉर्म का परिचय दिया है. वहीं एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ गेम्स की गोल्ड मेडलिस्ट विनेश फोगट की इस समय दुनिया में छठी रैंकिंग है और उन्होंने इस साल पोलैंड ओपन, यासर डोगू टूर्नामेंट और स्पेन ग्रां प्री में गोल्ड जीतकर अपने इरादे जाहिर कर दिए हैं.

ओलिंपिक क्वॉलिफाइंग मुकाबले
कजाकिस्तान की राजधानी आस्ताना में शुरू वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप 2019 टोक्यो ओलिंपिक का पहला क्वॉलिफाइंग मुकाबला होगा. यहां ओलिंपिक वजनों में मेडल राउंड में पहुंचने से ही टोक्यो का टिकट कट जाएगा, लेकिन दुनिया भर के कुश्ती प्रेमियों को खासकर बजरंग और विनेश से पदक की उम्मीद है. बजरंग से तो गोल्ड मेडल से कम किसी को मंजूर नहीं है.

सुशील कुमार पर सबकी निगाहें
उधर सुशील कुमार आज टॉप 20 में भी जगह नहीं बना पाए हैं और न ही वापसी के बाद किसी बड़ी प्रतियोगिता में ही उनके हाथ कोई मेडल हाथ लगा है. पिछले दिनों उज्बेकिस्तानी पहलवान बेकजोद ने उन्हें डेढ़ मिनट में ही रौंद दिया था. महिलाओं में सीमा के पास भारतीय महिला दल में सबसे ऊंची तीसरे नंबर की रैंकिंग है. इस साल इटली में सासारी कप और यासर डोगू टूर्नामेंट में गोल्ड और स्पेन ग्रां प्री में सिल्वर मेडल जीतकर उन्होंने फोगट बहनों की गैर मौजूदगी का भरपूर फायदा उठाया है. उनके अपने प्रदर्शन में भी काबिलेगौर सुधार देखने को मिला है. फिलहाल वह भी इन दिनों रूस में अभ्यास में जुटे हुए हैं.

पूजा ढांडा गैर ओलिंपिक वेट में
57 किलो में पूजा ढांडा छठे नंबर की रैंकिंग होने के बावजूद 59 किलो में लड़ने को विवश हैं, क्योंकि वह ट्रायल में इस वजन में सरिता से हार गई हैं. इन्हीं पूजा ढांडा ने पिछले साल इसी चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था. वहीं सरिता की 59 किलो में छठी रैंकिंग है, लेकिन वह 57 किलो में एक नई चुनौती के तौर पर उतर रही हैं.

4 ग्रीकोरोमन पहलवानों की परीक्षा
शनिवार को चैंपियनशिप की शुरुआत होते ही पहले दिन चार ग्रीकोरोमन के भारतीय पहलवान उतरेंगे. मंजीत 55 किलो में, सागर 63 किलो में, योगेश 72 किलो में और हरप्रीत 82 किलो में अपनी चुनौती रखेंगे. एशियाई खेलों में हरप्रीत 87 किलो में उतरे थे. उन्होंने ओलिंपिक क्वॉलीफाई करने से ज्यादा पदक जीतने पर ज्यादा ध्यान केंद्रित किया है. मंजीत ने इस साल तिबस्ली (जॉर्जिया) और मिंस्क (बेलारूस) में पदक जीतकर उम्मीदें जगाई हैं. वहीं योगेश को भी आखिरी बाधा में पदक से दूर होने की कमजोरी का निदान ढूंढना होगा. भारतीय टीम के चीफ कोच हरगोविंद ने कहा कि यहां प्रतियोगिता का स्तर काफी ऊंचा है लेकिन पहलवानों ने हाल में वह कर दिखाया है, जो पहले कभी देखने को नहीं मिला है. हरगोविंद 2000 के ओलिंपिक में भारतीय ग्रीकोरोमन टीम के साथ सिडनी गए थे.

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