Bharat Ne Mary Kom Ke Liye Ki Appeal, Technical Committee Ne Kiya Inkaar: विश्व महिला मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में खिताब की प्रबल दावेदार मानी जा रहीं मैरी कॉम को सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा है. 51 किलो भारवर्ग में तुर्की की बुसेनाज काकीरोग्लूकी ने मैरी कॉम को 4-1 से हरा दिया. इस हार के बाद मैरी कॉम को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा. सेमीफाइनल मैच के दौरान भारत ने मैच रेफरी के दिए गए निर्णय के खिलाफ अपील दर्ज करवाई. लेकिन टेक्निकल कमेटी ने भारत द्वारा दर्ज कराई गई अपनी को ठुकरा दिया.
उलान उदे (रूस). विश्व महिला मुक्केबाजीचैम्पियनशिप में खिताब की प्रबल दावेदार मानी जा रहीं मैरी कॉम को निराशा लगी है. मैरी कॉम को 51 किग्रा भारवर्ग में सेमीफाइनल मुकाबले में तुर्की के बुसेनाज काकीरोग्लूकी ने 4-1 से हरा दिया. इसके साथ ही वीमन वर्ल्ड बॉक्सिंग चैम्पियनशिप 2019 में मैरी कॉम को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा. सेमीफाइनल मुकाबले में हार के साथ ही मैरी कॉम का वीमन वर्ल्ड बॉक्सिंग चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल जीतने का सपना टूट गया. वहीं भारत ने सेमीफाइनल मैच में मैच रेफरी द्वारा मैरी कॉम के खिलाफ दिए गए फैसले पर आपित्त जताते हुए मैच रेफरी के खिलाफ अपील दर्ज करवाई है. लेकिन टेक्निकल कमेटी ने उस अपील को खारिज कर दिया गया. मैरी कॉम का ये आठवां खिताब है.
वर्ल्ड बॉक्सिंग चैम्पियनशिप सेमीफाइनल मुकाबले में जैसे ही बाउट खत्म हुआ तो सबको मैच रेफरी के फैसले का इंतजार था. 6 बार विश्व विजेता रह चुकीं मैरी कॉम को पूरा यकीन था कि मैच रेफरी उनके पक्ष में फैसला देंगे लेकिन ऐसा हो न सका. मैच के लिए तैनात किए गए सभी पांचो मैच रेफरी ने तुर्की की मुक्केबाज बुसेनाज काकीरोग्लूकी के हक में फैसला सुनाया. इसमें सिर्फ एक बाउट में मैरी कॉम को विजेता माना गया. जिसके बाद मैरी कॉम ये सेमीफाइनल मुकाबला 1-4 से हार गईं और उन्हें सिर्फ ब्रांन्ज मेडल से संतोष करना पड़ा. हालांकि मैरी कॉम मैच रेफरी के इस फैसले से काफी नाराज थीं.
हालांकि इस सेमीफाइनल मुकाबले में मैरी कॉम उस स्तर का प्रदर्शन नहीं कर पाईं जिसके लिए वह जानी जाती हैं. पूरी बाउट के दौरान तुर्की की मुक्केबाज उन पर हावी रहीं. तुर्की की मुक्केबाज ने मैरी कॉम के खिलाफ शुरुआत से ही आक्रामक रुख अपनाया वहीं मैरी कॉम लगातार डिफेंसिव रहीं. तीसरे राउंड में मैरी कॉम ने अपने प्रतिद्वंदी के खिलाफ कुछ अच्छे पंच लगाए. तुर्की की मुक्केबाज भारतीय चुनौती पर इस कदर हावी थी कि मैरी कॉम को एक बार नीचे गिरने से बचने के लिए जमीन पर हाथ लगाना पड़ा.
सेमीफाइनल मुकाबला हारने के बाद मैरी कॉम को ब्रान्ज मेडल से संतोष करना पड़ा. 6 बार विश्व चैम्पियन रह चुकीं मैरी कॉम का ये मुक्केबाजी में आठवां खिताब है. वह वीमन वर्ल्ड चैम्पियनशिप में 8 पदक जीतने वाली दुनिया की पहली महिला मुक्केबाज बन गई हैं. इसके अलावा मैरी कॉम ने एशियाई चैम्पियनशिप में भी अपनी धाक जमाई है. वग एशियाई चैम्पियनशिप में अब तक 6 पदक अपने नाम कर चुकीं हैं. इसके कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियन इंडोर गेम्स भी में स्वर्णिम पंच जमा चुकी हैं.
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