नई दिल्ली: भारतीय पहलवान विनेश फोगाट पेरिस ओलंपिक से बाहर हो गईं. फाइनल मैच से ठीक पहले उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया था. विनेश फोगाट 50 किलोग्राम कैटेगरी के फाइनल में यूएसए की साराह एन हिल्डेब्रांट से भिड़ने वाली थीं, लेकिन उनका वजन तय सीमा से 100 ग्राम अधिक पाया गया है. इसलिए उन्हें डिसक्वालीफाई घोषित कर दिया गया. विनेश के बाहर होने से भारत को ओलंपिक में बड़ा झटका लगा है. कई लोग विनेश फोगाट के साथ साजिश की भी आशंका जता रहे हैं. ये संभव नहीं है, क्योंकि वजन सबके सामने है. अन्य खिलाड़ी और कोच भी वहीं रहते हैं. लेकिन अगर पुराने नियम होते तो विनेश फोगाट बिल्कुल भी बाहर नहीं होतीं और भारत का पदक पक्का हो जाता.
विनेश फोगाट ने 6 जुलाई को प्री-क्वार्टर, क्वार्टर फाइनल और सेमीफाइनल मैच खेले. पहले मैच में ओलंपिक चैंपियन, दूसरे मैच में यूरोपियन चैंपियन और तीसरे मैच में पैन अमेरिकन चैंपियन को हराकर फाइनल में जगह बनाई. लेकिन फाइनल मैच 6 जुलाई को नहीं हुआ और 7 जुलाई को निर्धारित किया गया. 7 जुलाई को होने वाले मैच के लिए आज सुबह दोबारा वजन हुआ, जिसमें फोगाट का वजन अधिक पाया गया और उन्हें डिसक्वालीफाई घोषित कर दिया गया.
विनेश के पिता राजपाल फोगाट का कहना है कि यह घटना सिर्फ राजनीति पर आधारित है. उनके मुताबिक सिर पर बाल होने से भी 100 ग्राम वजन बढ़ जाता है, इसका ख्याल कौन रखता है? उन्होंने सपोर्ट स्टाफ को भी जिम्मेदार ठहराया है. राजपाल यहीं नहीं रुके बल्कि उन्होंने भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण का नाम भी उठाया और कहा कि विनेश को बाहर करने में भारत सरकार का भी हाथ था.
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