नई दिल्ली: टीम इंडिया के बल्लेबाज विराट कोहली बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के लिए सबसे पहले ऑस्ट्रेलिया पहुंचे. उनके बाद भारतीय टीम के अन्य खिलाड़ी दो बार ऑस्ट्रेलिया पहुंचे. उनके ऑस्ट्रेलिया पहुंचने के बाद वहां के अखबारों में किंग कोहली का काफी जलवा देखने को मिला. सिर्फ स्पोर्ट्स पेज ही नहीं बल्कि कई ऑस्ट्रेलियाई अखबारों के पहले […]
नई दिल्ली: टीम इंडिया के बल्लेबाज विराट कोहली बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के लिए सबसे पहले ऑस्ट्रेलिया पहुंचे. उनके बाद भारतीय टीम के अन्य खिलाड़ी दो बार ऑस्ट्रेलिया पहुंचे. उनके ऑस्ट्रेलिया पहुंचने के बाद वहां के अखबारों में किंग कोहली का काफी जलवा देखने को मिला. सिर्फ स्पोर्ट्स पेज ही नहीं बल्कि कई ऑस्ट्रेलियाई अखबारों के पहले पन्ने पर भी विराट कोहली के आने की खबर छपी है. इतना ही नहीं, एक अंग्रेजी अखबार भारतीय रंग में रंगा नजर आया और उसने अपने इंग्लिश न्यूज़पेपर के पहले पन्ने पर हिंदी फॉन्ट का इस्तेमाल किया.
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 5 मैचों की टेस्ट सीरीज से पहले भले ही विराट कोहली न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू मैदान पर खेली गई तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में बुरी तरह फ्लॉप हो रहे हों, लेकिन हर कोई जानता है कि इस समय क्रिकेट में विराट कोहली का कद कितना बड़ा है. यही वजह है कि ऑस्ट्रेलियाई अखबारों के पहले पन्ने पर विराट कोहली छाए नजर आए. The Telegraph ने अपने फर्स्ट पेज पर न सिर्फ विराट कोहली का जिक्र किया है,बल्कि हिंदी भाषा का भी प्रयोग किया गया और शीर्षक लिखा गया, “युगों की लड़ाई”. इसके अलावा कुछ अन्य अखबारों में भी विराट कोहली का जिक्र हुआ और उनकी फोटो पहले पन्ने पर छपी.
When some Indian paid media is busy demeaning Virat Kohli, Australian media never fails to acknowledge the GOAT’s presence pic.twitter.com/UTryOvv7h3
— Pari (@BluntIndianGal) November 11, 2024
विराट कोहली के लिए ये दौरा बेहद अहम है. वह टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं और काफी समय से टेस्ट क्रिकेट में रन बनाने के लिए तरस रहे हैं. पिछली 10 पारियों में भी विराट कोहली ने सिर्फ 192 रन बनाए हैं. ऐसे में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज उनका टेस्ट करियर तय कर सकती है. वैसे भी रिपोर्ट्स में कहा गया है कि अगर भारत के सीनियर खिलाड़ी (रोहित शर्मा, विराट कोहली और आर अश्विन) ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में अच्छा प्रदर्शन नहीं करते हैं, तो उन्हें बाहर भी किया जा सकता है।
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