Virat Kohli Coach Rajkumar Sharma Exclusive: विराट कोहली के कोच राजकुमार शर्मा ने उनकी कप्तानी पर बड़ी बात कही है. राजकुमार शर्मा ने कहा है कि उन्हें विराट कोहली की कप्तानी में सौरव गांगुली जैसी आक्रमकता दिखती है. इसके साथ ही राजकुमार शर्मा ने कहा कि मुझे बहुत खुशी है कि विराट कोहली आज जिस मुकाम पर है जहां दुनियाभर में उनकी मिसाल दी जाती है.
Virat Kohli Coach Rajkumar Sharma Exclusive: मुझे खुशी है कि आज विराट कोहली उस मुकाम पर हैं जहां दुनिया भर में उनकी मिसाल दी जाती है. इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन जहां उन्हें बेहद कम्पेक्ट प्लेयर बताते हैं तो वहीं ऑस्ट्रेलिया के सीमित ओवर के कप्तान आरोन फिंच ने उन्हें दुनिया के उन चार खिलाड़ियों में शुमार किया है जिनके प्रदर्शन में बेहद निरंतरता थी. विराट के अलावा उन्होंने स्टीव स्मिथ, रिकी पॉन्टिंग और सचिन तेंडुलकर का नाम लिया है.
दरअसल, छह साल पहले एडिलेड के टेस्ट ने भारतीय क्रिकेट की तस्वीर बदल दी. विराट भी ऐसा मानते हैं. जब टीम को 400 से ज्यादा के स्कोर का पीछा करना था तो उस समय ड्रेसिंग रूम में हर कोई उनके निर्देशों का इंतज़ार कर रहा था कि क्या कप्तान ड्रॉ के लिए जाएंगे लेकिन मुझे खुशी है कि उन्होंने जीत के लिए प्रयास किया. उन्होंने जिस अपरोच से बल्लेबाज़ी की, वो काबिलेतारीफ थी. मुझे याद है कि उस पारी में वह नाथन लॉयन की गेंद पर डीप मिडविकेट पर कैच आउट हो गये थे.यह उनकी अब तक की सर्वश्रेष्ठ पारियों में से एक है. यदि जीत जाते तो वह भारतीय क्रिकेट का एक नया अध्याय होता. विराट उस पारी को याद करके आज भी बहुत भावुक हो जाते हैं.
मुझे याद है कि जब विराट ने टीम इंडिया की कप्तानी सम्भाली तो उसने मुझसे कहा था कि वह भारतीय क्रिकेट की दशा और दिशा को बदलना चाहते हैं. उनका यह भी मानना था कि हम कितने ही मैच विदेश में जीत सकते थे लेकिन जीत नहीं पाये. जब ऑस्ट्रेलियाई या इंग्लैंड के खिलाड़ी स्लैज करते थे तो हमारे खिलाड़ी इन सब चीजों से बचा करते थे लेकिन विराट ने वह चलन खत्म कर दिया. यहां तक कि हमारे गेंदबाज़ों को स्लैज करने के समय वह उनका बचाव किया करते थे. उन्होंने बेहद आक्रामक रवैया अपनाया. उन्होंने अपनी टीम के शानदार प्रदर्शन से देश को याद दिलाया कि हम विदेश में भी उन्हें हरा सकते हैं और उनकी आंखों में आंखे डालकर खेल सकते हैं.
राजकुमार शर्मा ने कहा कि इस मामले में विराट सौरभ जैसे कप्तान हैं. मैं सौरभ का इस मामले में सम्मान करता हूं कि उन्होंने सहवाग, युवराज, हरभजन और ज़हीर खान जैसे खिलाड़ियों को आगे बढ़ाया. इस मामले में उनका यह निर्णय बहुत सही साबित हुआ. सौरभ ने ये पहचान तभी से कर ली थी कि इनमें कौन लम्बे समय तक खेल सकता है. विराट की कप्तानी में सौरभ जैसी आक्रामकता है.
दूसरे आरोन फिंच के ये कहने की विराट, स्मिथ, पॉन्टिंग और सचिन लगातार दो सीरीज़ में असफल नहीं हुए। उनकी यह टिप्पणी बड़ी बात है. दरअसल नैशनल क्रिकेट एकेडमी में ऑस्ट्रेलियन मैन्युल को ही फॉलो किया जाता है जो यह कहता है कि बल्लेबाज़ का काम अपने प्रदर्शन में निरंतरता होना है. मैंने विराट के साथ इसी बात पर पर ज़ोर देते हुए कहा है कि पारी को बिल्ट करना आना चाहिए। वास्तव में ये चारों बेहद कनसिंस्टेंट हैं.
बेशक फिंच ने कहा है कि देश से खेलने और कप्तानी के दबाव का सामना करना विराट की बड़ी खूबी है. वास्तव में उन्होंने ठीक कहा है कि विराट चुनौतियों को इंजाय करते हैं. अगर आप उनके आंकड़े उठाकर देखें तो वह कप्तान बनने के बाद और ज़्यादा ज़िम्मेदारी के साथ खेलने लगे हैं. मैं उन्हें इस बारे में सचिन का उदाहरण दिया करता था कि कैसे वह करोड़ों भारतीयों की उम्मीदों का बोझ अपने कंधे पर उठाए होते थे. विराट ने सचिन से काफी कुछ सीखा है.
तीसरे इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन ने सही कहा है कि आज दुनिया भर में बेन स्टोक्स और विराट कोहली का इम्पैक्ट सबसे अधिक है. स्टोक्स बेहतरीन ऑलराउंडर हैं और वह बतौर ऑलराउंडर दुनिया में नम्बर वन हैं. वह अपनी गेम में अच्छी कैलकुलेशन कर सकते हैं लेकिन टीम की कप्तानी करना अलग बात है. वहां टीम के लिए स्ट्रैटजी बनाने से लेकर टीम के लिए बहुत कुछ सोचना पड़ता है. मैं उन्हें उनकी कप्तान बनने की ज़िम्मेदारी के लिए उन्हें शुभकामनाएं देता हूं लेकिन वह इस भूमिका में कितने सफल होंगे, अभी से कहना मुश्किल है.
दरअसल, नासिर हुसैन को क्रिकेट की बारीकियों पर अच्छी पकड़ है. मैं अक्सर अपने एकेडमी में बच्चों से यही कहता हूं कि अगर आपको नासिर हुसैन, गावस्कर और इयान चैपल को बतौर कॉमेंटेटर सुनने को मिले तो ज़रूर आपको कुछ न कुछ सीखने को मिलेगा. बाकी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दिसम्बर में अगर सीरीज़ खेली जाती है तो मैं तो विराट से ऐसे ही एग्रेसिव खेल की उम्मीद करूंगा.
ऑस्ट्रेलिया जैसी टीम के लिए अगर डिफेंसिव होकर खेलेंगे तो बात नहीं बनेगी. वैसे भी विराट के फैंस ऑस्ट्रेलिया में काफी संख्या में हैं. उन्हें लगता है कि विराट भी उनके जैसा है जो एग्रेसिव खेल में यकीन करता है. जो आंखों में आंखे डालकर खेलना जानता है. स्लेजिंग का जवाब देना भी उसे आता है.. मुझे विश्वास है कि टीम इंडिया इस दौरे में पिछले ऑस्ट्रेलियाई दौरे की क़ामयाबी को दोहराने में कामयाब होगी.
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