विनेश के बचपन का सपना टुकड़ों में टुटा, ओलंपिक पदक चुकने के बाद बयां किया दर्द Vinesh's childhood dream shattered into pieces, she expressed her pain after losing the Olympic medal
नई दिल्ली: रजत पदक की अपील खारिज होने के बाद भारतीय पहलवान विनेश फोगाट ने पहली बार प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने शुक्रवार को सोशल मीडिया पर तीन पन्नों का एक पत्र साझा किया. विनेश ने पत्र में अपने सपनों का जिक्र किया है. साथ ही मेडल न मिलने को लेकर भी प्रतिक्रिया दी है. विनेश ने बताया कि बचपन से उनका क्या सपना था. विनेश ने अपने पिता का भी जिक्र किया है.
विनेश ने X पर तीन पेज का लेटर शेयर किया है. इसमें उन्होंने अपने सफर के बारे में बात की है. विनेश ने अपने पिता, मां और पति के साथ अपने अब तक के सफर का जिक्र किया है. उन्होंने लिखा, “जब मैं छोटी थी तो ओलंपिक के बारे में नहीं जानती थी. हर छोटी लड़की की तरह मैं भी लंबे बाल रखना चाहती थी. फोन हाथ में लेकर घूमना चाहती थी. मेरे पिता एक सामान्य बस ड्राइवर हैं. वह चाहते थे उनकी बेटी को हवाई जहाज में उड़ते हुए देखूं, मैंने अपने पिता का सपना पूरा किया, जब वे मुझसे इसका जिक्र करते हैं तो मुझे हंसी आती है.”
— Vinesh Phogat (@Phogat_Vinesh) August 16, 2024
विनेश ने पत्र में अपने पति और मां का भी जिक्र किया है. उन्होंने लिखा, “तमाम कठिनाइयों के बावजूद, मेरे परिवार ने भगवान पर भरोसा किया. हमारा मानना है कि ईश्वर ने हमारे लिए जो भी योजना बनाई है, वह अच्छी ही होगी. मेरी मां अक्सर कहा करती हैं कि भगवान अच्छे लोगों के साथ कभी बुरा नहीं करते हैं. इस बात का यकीन मुझे तब और बढ़ गया जब मैं अपने पति सोमवीर के साथ जिंदगी की राह पर आगे बढ़ी. सोमवीर ने हर सफर में मेरा साथ दिया है.’
विनेश पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीत सकती थी. लेकिन स्वर्ण पदक मैच से पहले ही उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया. विनेश का वजन 100 ग्राम अधिक था. उनका रजत पदक पक्का था. लेकिन अयोग्य घोषित होने के बाद मेडल नहीं मिल सका. विनेश ने इसे लेकर ‘कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स’ में अपील की थी. लेकिन उनकी अपील खारिज कर दी गई. अयोग्य ठहराए जाने के बाद विनेश टूट गईं. उन्होंने संन्यास की घोषणा भी कर दी.
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