लखनऊ: पेरिस में 26 जुलाई से खेलों का महाकुम्भ ओलंपिक शुरू होने जा रहा है. भारत से 117 खिलाड़ी पेरिस के लिए रवाना होंगे. भारत की ओर से ओलंपिक 2024 में सबसे अधिक एथलीट्स जा रहे हैं, लेकिन सवाल उठता है कि देश के सबसे अधिक जनसंख्या वाले राज्य उत्तर प्रदेश से सिर्फ 7 खिलाड़ी […]
लखनऊ: पेरिस में 26 जुलाई से खेलों का महाकुम्भ ओलंपिक शुरू होने जा रहा है. भारत से 117 खिलाड़ी पेरिस के लिए रवाना होंगे. भारत की ओर से ओलंपिक 2024 में सबसे अधिक एथलीट्स जा रहे हैं, लेकिन सवाल उठता है कि देश के सबसे अधिक जनसंख्या वाले राज्य उत्तर प्रदेश से सिर्फ 7 खिलाड़ी ही ओलंपिक के लिए चयनित हुए हैं. उत्तर प्रदेश से कई गुना कम जनसंख्या वाले राज्य हरियाणा और पंजाब से सबसे अधिक खिलाड़ियों का चयन हुआ है.
उत्तर प्रदेश जनसंख्या के मामले में सबसे बड़ा राज्य है जिसमें सबसे बड़ी संख्या युवाओं की है लेकिन युवा शक्ति होने के बावजूद उत्तर प्रदेश अन्य राज्यों से खेलों में काफी पीछे है. हरियाणा और पंजाब जैसे राज्यों की जनसंख्या 3-3 करोड़ के आस-पास है लेकिन फिर भी वहां के युवा यूपी से अधिक चयनित होते हैं.
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार राज्य में खेलों को लेकर कई योजनाएं लेकर आई थी लेकिन इन योजनाओं का जमीनी स्तर पर कोई बदलाव देखने को नहीं मिला है. साल 2023 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘एक जिला एक खेल’ को लॉन्च किया था. ‘एक गांव एक मैदान योजना’ भी लॉन्च की गई थी. 2023 में सरकर ने प्राइवेट कम्पनियों की मदद से 200 करोड़ खर्च करने की योजना बनाई थी लेकिन इन योजनाओं को योगी सरकार धरातल पर उतारने में पूरी तरह फेल साबित हुई है. उत्तर प्रदेश की खेलों में खराब नीतियों को चलते हरियाणा पंजाब जैसे राज्य फायदा उठा लेते हैं क्योंकि वे राज्य अपनी योजनाओं का सिर्फ फीता नहीं काटते उन्हें धरातल पर उतारते भी हैं.
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने इस बार का खेल बजट 195 करोड़ रखा था जिसमें कई खेलों के विकास पर ध्यान देने की बात वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने की थी. पंजाब सरकार ने 272 करोड़ और हरियाणा सरकार 578 करोड़ का बजट रखा था. ज्यादा बजट रखने का दोनों राज्यों का फायदा भी हुआ. हरियाणा से 24 और पंजाब से 19 खिलाड़ी साल 2024 में ओलंपिक में पहुंचे हैं. तो वहीं उत्तर प्रदेश से सिर्फ 7 खिलाड़ी ही जगह बनाने में सफल हो पाए हैं. यूपी जनसंख्या सबसे ज्यादा है फिर भी पड़ोसी राज्यों से कम खेलों पर खर्च करने का तुक कहीं से नहीं बनता, जबकि वहां की आबादी बस 3-3 करोड़ है.
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