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न कपिल देव, न सचिन तेंदुलकर, इस क्रिकेटर ने टीम इंडिया के लिए लगाया था पहला शतक

क्रिकेट का खेल भारत में ब्रिटिश राज के दौरान आया और देखते ही देखते ये लोगों का मनपसंद खेल बन गया. लेकिन क्या आप जानते हैं कि टीम इंडिया के लिए पहला शतक किसने लगाया था? 1933 में इंग्लैंड की टीम भारत दौरे पर थी। तीन मैचों की टेस्ट सीरीज का पहला मुकाबला मुंबई में खेला गया। वहीं सीके नायडू की कप्तानी में भारतीय टीम ने पहली पारी में 219 रन बनाए।

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न कपिल देव, न सचिन तेंदुलकर, इस क्रिकेटर ने टीम इंडिया के लिए लगाया था पहला शतक
  • December 17, 2024 2:57 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 hours ago

नई दिल्ली: क्रिकेट का खेल भारत में ब्रिटिश राज के दौरान आया और देखते ही देखते ये लोगों का मनपसंद खेल बन गया. भारतीय टीम ने 1932 में इंग्लैंड के खिलाफ अपने टेस्ट सफर की शुरुआत की। इसके बाद भारतीय क्रिकेट ने कपिल देव और सचिन तेंदुलकर जैसे कई खिलाड़ी देखे, लेकिन क्या आप जानते हैं कि टीम इंडिया के लिए पहला शतक किसने लगाया था?

1933 में जड़ा शतक

बता दें यह कारनामा ओर कोई नहीं बल्की लाला अमरनाथ ने किया था। वहीं इस दौरान साल 1933 में इंग्लैंड की टीम भारत दौरे पर थी। तीन मैचों की टेस्ट सीरीज का पहला मुकाबला मुंबई में खेला गया। वहीं सीके नायडू की कप्तानी में भारतीय टीम ने पहली पारी में 219 रन बनाए। हालांकि जवाब में इंग्लैंड ने 438 रन का विशाल स्कोर खड़ा कर 219 रनों की बढ़त हासिल कर ली। इस पारी में भारत के तेज गेंदबाज मोहम्मद निसार ने 5 विकेट चटकाए।

lala amarnath

लाला अमरनाथ का जलवा

भारतीय टीम जब दूसरी पारी में बल्लेबाजी के लिए उतरी तो शुरुआती झटके जल्दी लग गए। सैयद वजीर अली और जनार्दन नावले की सलामी जोड़ी 21 रन तक पवेलियन लौट चुकी थी। इसके बाद तीसरे क्रम पर उतरे लाला अमरनाथ ने कप्तान सीके नायडू के साथ 186 रनों की शानदार साझेदारी की। नायडू ने 67 रन बनाए, जबकि अमरनाथ ने 118 रनों की ऐतिहासिक पारी खेली। यह भारत के टेस्ट क्रिकेट इतिहास का पहला शतक था।

टीम से हुए बाहर

लाला अमरनाथ के टेस्ट करियर में यह उनका इकलौता शतक रहा। 1936 में विजयनगरम के महाराजा के साथ विवाद के चलते उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया। हालांकि, आजादी के बाद 1947 में उनकी टीम में वापसी हुई। उन्हें आजाद भारत की क्रिकेट टीम का पहला कप्तान बनने का गौरव प्राप्त हुआ। लाला अमरनाथ का यह ऐतिहासिक शतक भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक उपलब्धि है। उनके इस योगदान को आज भी भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के दिलों में सम्मान के साथ याद किया जाता है।

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