नई दिल्ली. अभी तक हम मास्टर चंदगीराम की तीसरी पीढ़ी के तौर पर उनके नातिन देवव्रत को राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में कुश्ती लड़ते देखते थे लेकिन अब उनके पोते 8 वर्षीय अंशुमन कालीरमण और पोती 12 वर्षीया चिराक्षी कालीरमण को चंदगीराम गोल्ड कप कुश्ती प्रतियोगिता में कुश्ती लड़ते देखा जा सकता है. इस दंगल का आयोजन 17 और 18 मार्च को सिविल लाइंस स्थित चंदगीराम अखाड़ा परिसर में किया जा रहा है. बता दें कि मास्टर चंदगीराम भारत के प्रसिद्ध पहलवान हैं. 1960 एवं 1970 के दशकों में वे खूब चर्चा में रहे. उन्हें भारत केसरी, हिन्द केसरी, और अन्य कई उपाधियों से सम्मानित किया जा चुका है. इसके अलावा भारत सरकार ने उन्हें अर्जुन पुरस्कार और पद्मश्री से भी सम्मानित किया है.
इस बारे में अंशुमन ने कहा कि उन्होंने अभी तक अपने पिता जगदीशजी के साथ कुश्ती के कई मुक़ाबले देखे हैं और वह पहली बार किसी प्रतियोगिता में भाग लेने को लेकर बेहद रोमांचित हैं. चिराक्षी भी अपने पिता और दादाजी की तरह देख की बड़ी पहलवान बनना चाहती हैं.
800 पहलवानों का जमघट
अंतरराष्ट्रीय पहलवान और भारत केसरी जगदीश कालीरमण ने बताया कि अब तक उन्हें 500 से ज़्यादा प्रविष्टियां मिल चुकी हैं और देश भर से करीब 800 पहलवानों के इस प्रतियोगिता में भाग लेने की उम्मीद है. इस बार पांच से 19 वर्ष के बीच कुल 11 आयु वर्ग के मुक़ाबले होंगे और महिलाओं में 11 से 19 वर्ष के बीच कुल आठ आयु वर्ग के मुक़ाबले होंगे. अर्जुन पुरस्कार विजेता कृपाशंकर सिंह ने कहा कि जूनियर वर्ग के पहलवानों को बढ़ावा देने के लिए हमने सीनियर के मुक़ाबलों को भी नज़रअंदाज़ नहीं किया है. सीनियर में पुरुषों में 86 और 97 किलो और महिलाओं में 53 और 62 किलो वर्ग के मुक़ाबले होंगे. सभी मुक़ाबलों में पहले तीन स्थान पर रहने वाले पहलवानों को सम्मानित किया जाएगा.
UWW के नियमों से कुश्तियां
चंदगीराम स्पोर्ट्स वेलफेयर चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष राजेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि 17 मार्च को पहलवान अखाड़े में वजन देंगे और इसी दिन दोपहर बाद कुश्तियों का आयोजन शुरू होगा. इससे अगले दिन सुबह नौ बजे से शाम सात बजे तक लगातार कुश्तियां होंगी. समापन के समय विजेताओं को पदक और पुरस्कार राशि से सम्मानित किया जाएगा. इस ट्रस्ट के उपाध्यक्ष और साई कोच सहदेव सिंह बाल्यान ने बताया कि बच्चों के मुक़ाबलों में दो-दो मिनट के दो राउंड होंगे जबकि बाकी मुक़ाबले यूडब्ल्यूडब्ल्यू के नियमों के आधार पर आयोजित किए जाएंगे. सभी वर्गों में पहले तीन स्थान पर रहने वालों को ईनामी राशि देकर सम्मानित किया जाएगा.
PWL कनेक्शन
इस अवसर पर प्रो रेसलिंग लीग में मुम्बई महारथी के को-ओनर मूलचंद सहरावत ने कहा कि इस प्रतिष्ठित लीग से पहले ऐसे आयोजन पहलवानों के लिए एक उपयोगी मंच साबित हो सकते हैं. उन्होंने उम्मीद ज़ाहिर की कि इस आयोजन से भविष्य में पीडब्ल्यूएल को भी कई सितारे मिलेंगे. उन्होंने साक्षी मलिक का उदाहरण देते हुए कहा कि सीज़न 1 में उतरने के बाद ही उन्हें सही मायने में पहचान मिली. इस लीग में अच्छा खासा आत्मविश्वास हासिल करने के बाद उन्होंने ओलिम्पिक में पदक जीतने का कमाल कर दिखाया. लीग के आयोजक जगदीश कालीरमण पीडब्ल्यूएल के विशेषज्ञ कमेंटेटर हैं जो अपने पिता की याद में इस दंगल को हर साल आयोजित करते हैं. इस अवसर पर रोहित चौधरी, साहिल सराफ, मिसेज़ इंडिया मनीषा सिंह और ट्रस्ट की सचिव पूनम कालीरमण ने भी अपने विचार व्यक्त किये.
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