चोट के बाद बुरी तरह सूज गई थी आंख, फिर… शूटर मनु की ये कहानी किसी को नहीं पता होगी

नई दिल्ली: शूटर मनु भाकर ने पेरिस ओलिंपिक में भारत को पहला मेडल दिलाया है. उन्होंने 10 मीटर एयर पिस्टल की विमेंस कैटेगरी में कांस्य पदक अपने नाम किया है. इसके साथ ही मुन भाकर शूटिंग में ओलिंपिक मेडल जीतने वाली भारत की पहली महिला शूटर बन गई हैं. पिता बॉक्सर बनाना चाहते थे बता […]

Advertisement
चोट के बाद बुरी तरह सूज गई थी आंख, फिर… शूटर मनु की ये कहानी किसी को नहीं पता होगी

Vaibhav Mishra

  • July 28, 2024 4:46 pm Asia/KolkataIST, Updated 4 months ago

नई दिल्ली: शूटर मनु भाकर ने पेरिस ओलिंपिक में भारत को पहला मेडल दिलाया है. उन्होंने 10 मीटर एयर पिस्टल की विमेंस कैटेगरी में कांस्य पदक अपने नाम किया है. इसके साथ ही मुन भाकर शूटिंग में ओलिंपिक मेडल जीतने वाली भारत की पहली महिला शूटर बन गई हैं.

पिता बॉक्सर बनाना चाहते थे

बता दें कि हरियाणा के झज्जर की रहने वालीं मनु भाकर हमेशा से शूटर नहीं बनना चाहती थीं. उनके पिता राम किशन उन्हें बॉक्सर बनाना चाहते थे. लेकिन एक दिन प्रैक्टिस के वक्त मनु की आंख में गंभीर चोट लग गई थी. इसके बाद उनकी आंख कई दिनों तक सूजी रही. चोट लगने के बाद उन्होंने बॉक्सिंग को छोड़ दिया.

फिर ऐसे शुरू की शूटिंग…

मनु अपने स्कूल की पढ़ाई के दौरान कई गेम्स में हाथ आजमा चुकी थीं. लेकिन वे तय नहीं कर पा रही थीं कि करना क्या है. इस दौरान एक दिन उनकी मां उन्हें एक स्कूल के शूटिंग रेंज में भेजा. इस बीच शूटिंग रेंज में मनु ने जैसे ही पहला शॉट मारा वहां मौजूद स्कूल के फिजिकल टीचर ने उनके हुनर को पहचान लिया. इसके बाद उन्होंने एक दिन मनु की मां से कहा कि अपनी लड़की को इस गेम में आगे बढ़ने दीजिए. एक दिन वो देश के लिए जरूर मेडल लाएगी.

यह भी पढ़ें-

लो जी आ गया पेरिस ओलंपिक पहला मेडल! शूटर मनु भाकर ने ब्रॉन्ज पर लगाया निशाना

Advertisement