आतंकवाद या इस्लाम? पैरालिंपिक में ईरानी खिलाड़ी ने झंडा दिखाकर किया गला काटने का इशारा, छिन गया गोल्ड

नई दिल्ली। पैरालंपिक खेलों में रविवार को पैरा-एथलीट नवदीप सिंह ने पुरुषों की भाला फेंक F41 श्रेणी में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। उन्होंने 47.32 मीटर की दूरी हासिल की, जिससे फ्रांस की राजधानी में भारत का सातवां स्वर्ण पदक सुनिश्चित हुआ। आपको बता दें पहले नवदीप ने दूसरे स्थान के साथ रजत पदक […]

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आतंकवाद या इस्लाम? पैरालिंपिक में ईरानी खिलाड़ी ने झंडा दिखाकर किया गला काटने का इशारा, छिन गया गोल्ड

Neha Singh

  • September 9, 2024 9:21 am Asia/KolkataIST, Updated 2 months ago

नई दिल्ली। पैरालंपिक खेलों में रविवार को पैरा-एथलीट नवदीप सिंह ने पुरुषों की भाला फेंक F41 श्रेणी में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। उन्होंने 47.32 मीटर की दूरी हासिल की, जिससे फ्रांस की राजधानी में भारत का सातवां स्वर्ण पदक सुनिश्चित हुआ। आपको बता दें पहले नवदीप ने दूसरे स्थान के साथ रजत पदक जीता था और ईरान के सादेग बेत सयाह ने 47.65 मीटर के साथ अपने नाम स्वर्ण पदक किया था लेकिन उनकी एक गलती ने उनसे ये गोल्ड छीन लिया।

शुरुआती विजेता ईरान के सयाह को फाइनल के बाद आपत्तिजनक झंडा दिखाकर विश्व पैरा एथलेटिक्स नियमों और विनियमों के नियम 8.1 का उल्लंघन करने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया था जिसके बाद नवदीप के रजत पदक को स्वर्ण में अपग्रेड किया गया था।

आतंकवाद या इस्लाम?

दरअसल सयाह बेत जैसे ही गोल्ड मेडल जीते वह उन्होंने काले रंग की अरबी में लिखे झंडे को निकाला और उसे दिखाने लगे। पैरा एथलेटिक्स में इसकी इजाजत नहीं है कि कोई खिलाड़ी अपने देश के झंडे के अलावा किसी विशेष प्रतीक का झंडा दिखाए। कुछ लोग उसे आतंकवादी संगठन ISIS का झंडा भी बता रहे हैं। हम आपको बताते हैं कि सच्चाई क्या है।

आपको बता दें कि सयाह बेत ने गोल्ड मेडल जीतने के बाद जिस झंडे को दिखाया वह इस्लाम धर्म से जुड़ा बताया जा रहा है। इस्लाम धर्म में यह झंडा शिया मुस्लिम समुदाय का प्रतीक है और यह इमाम हुसैन से जुड़ा है। सयाह बेत ने शिया समुदाय को पेरिस पैरालंपिक में प्रदर्शित करना चाहते थे, लेकिन इसके कारण उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ गया।

गला काटने का इशारा किया

पैरालंपिक वेबसाइट के अनुसार, सयाह बेट ने आचार संहिता के नियम 8.1 का उल्लंघन किया है। इस नियम के अनुसार, पैरा एथलेटिक्स खेल में ईमानदारी, नैतिकता और आचरण के उच्चतम मानकों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। इसमें किसी भी तरह का धार्मिक या अनुचित जश्न बर्दाश्त नहीं किया जाता है। सयाह ने न केवल झंडा लहराया बल्कि जश्न के दौरान उन्होंने गला काटने का इशारा भी किया जिसके कारण उन्हें येलो कार्ड दिखाया गया। इस अनुचित आचरण की वजह से उन्हें पदक से हाथ धोना पड़ा।

 

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