बिहार के उपमुख्यमंत्री रह चुके तेजस्वी यादव, राजनीति के अलावा क्रिकेट के मैदान में भी अपनी पहचान बना चुके हैं। राजनीति में आने से पहले वो एक
नई दिल्ली: बिहार के उपमुख्यमंत्री रह चुके तेजस्वी यादव, राजनीति के अलावा क्रिकेट के मैदान में भी अपनी पहचान बना चुके हैं। राजनीति में आने से पहले वो एक उभरते हुए क्रिकेटर थे और स्टेट लेवल पर भी खेल चुके हैं। तेजस्वी का कहना है कि उन्होंने क्रिकेट की दुनिया में अच्छी पहचान बनाई थी, लेकिन किस्मत ने उन्हें राजनीति की ओर मोड़ दिया।
तेजस्वी यादव की पढ़ाई दिल्ली पब्लिक स्कूल, आरके पुरम से हुई, जहां से उनके क्रिकेट करियर की भी शुरुआत हुई। 13 साल की उम्र में ही उनका चयन दिल्ली की अंडर-15 टीम में हो गया था। तेजस्वी ने अपने प्रोफेशनल करियर में 4 टी20 मैच खेले, लेकिन उन्हें केवल एक पारी में बल्लेबाजी का मौका मिला, जिसमें उन्होंने 3 रन बनाए। इसके अलावा उन्होंने 2 लिस्ट-ए और 1 फर्स्ट क्लास मैच भी खेला। तेजस्वी ने अपने क्रिकेट करियर में कुल 7 मैच खेले और एक विकेट भी लिया।
तेजस्वी यादव को 2008 में दिल्ली डेयरडेविल्स (अब दिल्ली कैपिटल्स) ने 8 लाख रुपये में अपने टीम में शामिल किया था। वो चार सीजन टीम का हिस्सा रहे, लेकिन उन्हें खेलने का मौका नहीं मिला। 2011 में उनकी सैलरी 8 लाख से बढ़कर 10 लाख हो गई थी, लेकिन मैदान पर खेल नहीं पाए।
हाल ही में तेजस्वी यादव ने खुलासा किया कि जब वो दिल्ली की अंडर-15 और अंडर-17 टीम के कप्तान थे, तब विराट कोहली उनके टीम में खेलते थे। हालांकि, तेजस्वी को चोट के कारण क्रिकेट को अलविदा कहना पड़ा। उनके दोनों पैरों में चोट लगने के बाद उन्होंने खेल को छोड़ने का फैसला किया और फिर पूरी तरह राजनीति में आ गए।
इस तरह, तेजस्वी यादव की क्रिकेट और राजनीति की कहानी दोनों ही दिलचस्प और प्रेरणादायक है। क्रिकेट छोड़ने का फैसला उनके लिए कठिन था, लेकिन उन्होंने राजनीति में भी अपनी छाप छोड़ी है।
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