नई दिल्ली: भारत और बांग्लादेश के बीच चल रही दो मैचों की टेस्ट सीरीज शुरू हो गई है. बांग्लादेश ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का निर्णय किया. जिसके बाद पहले मैच का पहला दिन भारतीय टीम के लिए उतार-चढ़ाव भरा रहा. दिन के अंत तक भारत रवींद्र जड़ेजा और रविचंद्रन अश्विन की बदौलत अच्छी […]
नई दिल्ली: भारत और बांग्लादेश के बीच चल रही दो मैचों की टेस्ट सीरीज शुरू हो गई है. बांग्लादेश ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का निर्णय किया. जिसके बाद पहले मैच का पहला दिन भारतीय टीम के लिए उतार-चढ़ाव भरा रहा. दिन के अंत तक भारत रवींद्र जड़ेजा और रविचंद्रन अश्विन की बदौलत अच्छी स्थिति में था, लेकिन बांग्लादेश ने खेल के शुरुआती दौर में टीम इंडिया पर दबाव बना दिया.
बांग्लादेश की शुरुआती सफलता का मुख्य कारण टॉस जीतना और गेंदबाजी करना था, जिससे उन्हें पहले घंटे में पिच का पूरा फायदा मिला. इसके अलावा बांग्लादेश के गेंदबाजों की सटीक लाइन-लेंथ भी टीम इंडिया के लिए परेशानी खड़ी कर रही थी. लेकिन सबसे बेहतरीन प्रदर्शन हसन महमूद का रहा, जिन्होंने अपनी धारदार गेंदबाजी से भारतीय बल्लेबाजी क्रम की कुछ बड़ी कमजोरियों को उजागर किया.
हाल के दिनों में रोहित शर्मा सीमित ओवर क्रिकेट में अपनी आक्रामक बल्लेबाजी के लिए जाने जाते हैं। लेकिन टेस्ट क्रिकेट में उनकी धीमी शुरुआत टीम के लिए चिंता का विषय बन गई है. इस मैच में भी रोहित ने संभलकर बल्लेबाजी की और पिच पर समय बिताया, लेकिन रन गति धीमी रही. पिछले दो साल से टेस्ट क्रिकेट में उनका स्ट्राइक रेट 60 के आसपास रहा है, जो आज के तेज-तर्रार खेल में थोड़ा कम माना जाता है.
शुबमन गिल को भारत के टेस्ट क्रिकेट का भविष्य का सितारा माना जा रहा है, लेकिन इस मैच में उन्होंने ऐसे वक्त अपना विकेट गंवाया जब टीम को उनकी जरूरत थी.गिल ने अनावश्यक शॉट खेलकर अपना विकेट गंवाया, जो उनके अनुभव और धैर्य की कमी को दर्शाता है. गिल को तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करते समय अधिक धैर्य दिखाने की जरूरत है, खासकर टेस्ट क्रिकेट जैसे लंबे प्रारूप में, जहां हर रन मायने रखता है.
विराट कोहली का करियर भले ही शानदार रहा हो, लेकिन हसन महमूद के खिलाफ उनकी एक पुरानी कमजोरी फिर से सामने आ गई. कोहली अक्सर ऑफ स्टंप के बाहर की गेंदों पर ड्राइव खेलने की कोशिश में अपना विकेट खो देते हैं. इस मैच में भी ऐसा ही हुआ, जब महमूद ने उन्हें इस क्षेत्र में परेशान किया. यह समस्या ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आगामी बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में भी उनके लिए मुसीबत बन सकती है. कोहली को अपनी इस पुरानी कमजोरी पर ध्यान देना होगा ताकि वह अपनी लय हासिल कर सकें.
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