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सुदंरगढ़ बना भारतीय हॉकी का गढ़, 17 ब्लॉक में 85 इंटरनेशनल खिलाड़ी

उड़ीसा : क्रिकेट के आगे लोग हॉकी को पूरी तरीके से भूलने लगे थे तभी टोक्यो ओलंपिक में भारतीय टीम ने कांस्य पदक जीतकर हॉकी में जान डाली. वहीं महिला टीम ने भी शानदार प्रदर्शन करते हुए चौथा स्थान हासिल किया. हॉकी को उड़ीसा करता है स्पॉन्सर भारतीय हॉकी टीम को उड़ीसा राज्य स्पॉन्सर करता […]

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  • January 17, 2023 7:29 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

उड़ीसा : क्रिकेट के आगे लोग हॉकी को पूरी तरीके से भूलने लगे थे तभी टोक्यो ओलंपिक में भारतीय टीम ने कांस्य पदक जीतकर हॉकी में जान डाली. वहीं महिला टीम ने भी शानदार प्रदर्शन करते हुए चौथा स्थान हासिल किया.

हॉकी को उड़ीसा करता है स्पॉन्सर

भारतीय हॉकी टीम को उड़ीसा राज्य स्पॉन्सर करता है. यहां के सीएम नवीन पटनायक इस समय देश में खेल के सबसे बड़े ब्रांड ऐंबेसडर नजर आते है.ओडिशा में हॉकी का 15वां विश्व कप खेला जा रहा है. ओडिशा का एक जनपद जिसका नाम है सुंदरगढ़. यह जनपद भारतीय हॉकी का नया गढ़ बन गया है.

एक जिले से 85 अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी

सुंदरगढ़ की अहमियत इसी से पता चलती है कि यहां 17 ब्लॉक में 85 हॉकी खिलाड़ी पुरूष और महिला टीम का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. हाल के समय में यहां स्टार खिलाड़ियों की पैदावार और तेज हो रही है. पूर्व भारतीय कैप्टन दिलीप टर्की इसी जनपद से है. दिलीप तर्की इस समय हॉकी इंडिया के अध्यक्ष भी है. अभी चल रहे विश्व कप में भारत की ओर से पहला गोल दागने वाले अमित रोहिदास भी यहीं के रहने वाले हैं. मौजूदा टीम में नीलम संजीप भी सुंदरगढ़ के हैं.

आदिवासी बहुल जिला ने लहराया परचम

सुंदरगढ़ आदिवासी बहुल जनपद है. यहां के आदिवासी समुदाय ने हॉकी को अपनी परंपरा को भी हॉकी से जोड़ दिया है. यहां के लगभग सभी गांवों में हॉकी टूर्नामेंट खेला जाता है. विजेता टीम को पुरस्कार के तौर पर बकरा या मुर्गा दिया जाता है.

25 दिसंबर से शुरू होता है बकरा टूर्नामेंट

सुंदरगढ़ जनपद में हर साल बकरा टूर्नामेंट का आयोजन होता है. 25 दिसंबर को शुरू होने वाला टूर्नामेंट 100 से अधिक गांव खेलते हैं. रविवार को इसके मैंचों का आयोजन होता है. अलग-अलग गांव और ब्लॉक प्रतियोगिताओं का आयोजन कराते हैं और जीतने वाली टीम को बकरा और मुर्गा पुरस्कार के तौर पर दिया जाता है.

जिले में 2 अकादमी भी मौजूद

स्पोर्ट्स हॉस्टल में जो खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन करता है उस खिलाड़ी को जिले में चल रही 2 अकादमी में एडमिशन मिल जाता है.अकादमी सेल इंडिया चलाती है और दूसरी राज्य सरकार चलाती है. 1985 में बनी सरकारी अकादमी में 199 खिलाड़ी मौजूद है. इस अकादमी से अब तक 67 अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी निकल चुके हैं. दिलीप तिर्की और अमित रोहिदास इसी अकादमी से निकले हैं.

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