खेल

U19 Women world cup: 2008 में पिता की कैंसर से मौत के बाद मां ने पाला, ऐसा है अर्चना देवी का संघर्ष

नई दिल्ली। रविवार को भारत ने अंडर- 19 महिला टी- 20 विश्व कप में इंग्लैंड को मात देकर शानदार जीत अपने नाम की, भारत ने तीन विकेट खोकर ये जीत हासिल की है, वहीं इंग्लैड की टीम सिर्फ 68 रन पर ही ऑल आउट हो गई। इस जीत के लिए अर्चना ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए ग्रेस स्क्रिवेंस और नियाह हॉलैंड को आउट करके शानदार शुरूआत दिलाई। जीत के बाद से ही अर्चना के घर पर खुशी का माहौल है।

बचपन में उठा पिता का साया

अर्चना का जीवन शुरुआत से ही काफी ज्यादा संघर्ष से भरा हुआ था, 2008 में पिता की कैंसर से मौत हो जाने के कारण सारा पालन पोषण मां ने किया, मां को मुझे पढ़- लिखकर बढ़ा अफसर बनाना था, जिसके लिए उन्होंने मेरा एडमिशन घर के नजदीक कस्तूरबा गांधी स्कूल में करा दिया। लेकिन मेरा मन पढ़ाई से ज्यादा खेलने में लगता था।

पूनम गुप्ता ने दिया सहारा

अर्चना बताती है कि, मुझे क्रिकेट में लाने का सबसे ज्यादा सहयोग पूनम गुप्ता मैम का रहा। एक बार स्कूल में रेस के दौरान मेरा दूसरा स्थान आया था, जिसके बाद पूनम गुप्ता मैम ने मुझ पर फोकस करना शुरू कर दिया और उम्मीद जताई कि मैं भविष्य में अच्छी खिलाड़ी बन सकती हूं। जिसके बाद मैंने चार-पांच महीने तक स्कूल में खेला और क्रिकेट के बारे में ज्यादा जानकारी जुटाई।

इसके बाद पूनम गुप्ता ने मुझे कानपुर ले जाकर आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया लेकिन इसके लिए मेरी मां तैयार नहीं थी। बाद में मैम के अलावा मेरे भाई और रिश्तेदारों के दबाव में आने के बाद मां को मुझे कानपुर भेजने के लिए मानना पड़ा। इसी दौरान मेरे हॉस्टल से लेकर खाने पीने का सारा खर्चा पूनम मैम ने ही उठाया।

कोच कपिल पांडे ने दी थी ये सलाह

अर्चना की शारीरिक क्षमता को देखते हुए पूनम गुप्ता ने उन्हें 2016 में कानपुर में रॉवर्स क्रिकेट क्लब में शामिल करा दिया। इसी दौरान रावर्स क्रिकेट क्लब के कोच कपिल पांडे ने अर्चना की क्षमता को नोटिस किया और पेस के बजाए स्पिन गेंदबाजी करने की सलाह दी। अर्चना बताती है कि पहले मैंने एक महीने तक तेज गेंदबाजी की। उसके बाद कपिल सर ने मुझे ऑफ स्पिनर बना दिया। सबसे पहले उन्होंने मुझसे मीडियम पेस गेंदबाजी करवाई, उसके बाद उन्होंने मेरा बेस्ट ऑफ स्पिनर में बदलाव करते हुए मुझे ओर फोकस करने के लिए कहा था। बता दें, कपिल पांडे गेंदबाज कुलदीप यादव के भी कोच रहे है।

मां ने क्या कहा ?

बेटी की जीत पर मां सरिता देवी ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि, अर्चना का टैलेंट बचपन से ही काफी अलग था, बचपन में भी सामान्य लड़कियों से काफी ज्यादा आगे थी, हमेशा कहती थी कि मम्मी कुछ भी हो जाए हमको कुछ बनना है हम कभी हार नहीं मानेंगे।

Vikas Rana

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