नई दिल्ली. आपने ऑस्ट्रेलिया के महान क्रिकेटर डॉन ब्रैडमैन का नाम तो सुना ही होगा, अगर नहीं सुना तो आपको बता दें कि वर्ल्ड क्रिकेट में इनसें बड़ा बल्लेबाज आज तक नहीं हुआ है. टेस्ट क्रिेट में 99.96 की औसत से आप समझ सकते हैं कि इनका इतना रुबबा क्यों है. अब बात भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली की. इस बल्लेबाज ने दुनिया भर के गेंदबाजों की नाक में दम कर रखा है. विरोधी कोई भी हो विराट कोहली के बल्ले से रन ना निकले ऐसा हो ही नहीं सकता. अब जिस तरह विराट कोहली के बल्ले से रन निकल रहे है उसके बाद उनकी तुलना क्रिकेट के भगवान और भारत के महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर से होने लगी है
अब विराट कोहली के बारे में बात करते हैं खासकर उनके वनडे करियर की. यकीन मानिए जिस तरह विराट वनडे क्रिकेट में रन बना रहे हैं उनकी तुलना सचिन से नहीं बल्कि ब्रैडमैन से होनी चाहिए. टीम कोई भी हो, देश कौनसा भी हो, गेंदबाज कितना ही बड़ा क्यों ना हो विराट कोहली का बल्ला तो चलता ही है. आगे बात करें उससे पहले विराट के वनडे करियर की बात कर लेते हैं. विराट ने अब तक 205 वनडे मैच खेले हैं. इन मैचों में उनके नाम 9348 रन है. इस दौरान उन्होंने 34 शतक और 45 अर्धशतक लगाए हैं. इतने मैचों में कोहली ने सबसे ज्यादा शतक और सबसे ज्यादा रन बनाए है.
अगर सचिन तेंदुलकर की बात की जाए तो कोई शंका नहीं है कि वह एक महान बल्लेबाज है और विराट ने उन्ही की बागडोर अपने कंधो पर ली है लेकिन विराट तो सचिन से भी कोसो आगे निकल गए है. सचिन तेंदुलकर ने 200 वनडे खेलकर 7305 रन बनाए थे वह भी करीब 42 की औसत से. इतने मैचों तक सचिन के नाम केवल 18 शतक थे, वहीं कोहली के नाम 200 वनडे के बाद 33 शतक है.
अब उम्र की भी बात कर लीजिए. 30 साल से कम उम्र तक सचिन तेंदुलकर ने 314 वनडे मैचों में 44.43 की औसत से 34 शतक लगाए थे. वहीं कोहली इस मामले में भी उनसे आगे दिख रहे हैं, मैच और रन के मामले में सचिन से काफी पीछे हैं लेकिन शतक और औसत के मामले में कोसो आगे. 30 की उम्र कर कोहली ने करीब 58 की औसत से 9348 रन बनाए है. 34 शतक तो हम आपको बता ही चुकें हैं.
अब आप ही फैसला कीजिए, क्या विराट कोहली की तुलना सचिन तक ही सीमित होनी चाहिए या अब सचिन से आगे बढ़कर विराट कोहली का कद ब्रैडमैन के बराबर होना चाहिए. हांलाकि इसके लिए कोहली को एक लंबा सफर तय करना है और जिस तरह वह अभी खेल रहे हैं उसी तरह उन्हें अंत तक डटे रहना है. वहीं विराट कोहली को टेस्ट क्रिकेट में भी वनडे जैसा कारनामा करने की जरुरत है. जिससे क्रिकेट फैंस उन्हें महान नहीं सर्वश्रेष्ठ कहें.
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