नई दिल्लीः विश्व कप में श्रीलंकाई टीम का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है। टीम को आठ में से दो मुकाबलों में जीत और 6 में हार का सामना करना पड़ा है। टीम के इस निराशाजनक प्रदर्शन से नाराज श्रीलंका के खेल मंत्री रोशन रणसिंघे ने सोमवार यानी 6 अक्टूबर को क्रिकेट बोर्ड को सस्पेंड कर दिया […]
नई दिल्लीः विश्व कप में श्रीलंकाई टीम का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है। टीम को आठ में से दो मुकाबलों में जीत और 6 में हार का सामना करना पड़ा है। टीम के इस निराशाजनक प्रदर्शन से नाराज श्रीलंका के खेल मंत्री रोशन रणसिंघे ने सोमवार यानी 6 अक्टूबर को क्रिकेट बोर्ड को सस्पेंड कर दिया था। इसके बाद श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड ने अदालत का रुख किया था। जिसके बाद श्रीलंका कोर्ट ऑफ अपील ने देश के क्रिकेट बोर्ड को बर्खास्त करने के खेल मंत्री के फैसले को पलट दिया है। साथ ही कोर्ट ने निष्कासित अधिकारियों को बहाल कर दिया है।
कोर्ट ने बोर्ड अध्यक्ष शम्मी सिल्वा की उस याचिका स्वीकार कर ली जिसमें श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड को बर्खास्त करने और अंतरिम समिति नियुक्त करने के फैसले को लेकर मंत्री रोशन रणसिंघे के कदम को चुनौती दी थी। न्यायालय के एक अधिकारी के हवाले से कहा गया कि बोर्ड की बहाली दो सप्ताह के लिए की गई। वहीं अदालत फिर से मामले की सुनवाई करेगी। बोर्ड के अधिकारियों ने कहा कि सिल्वा को पूर्व कप्तान अर्जुन रणतुंगा की अध्यक्षता वाली अंतरिम समिति को पद पर बने रहने से रोकने का आदेश हासिल करने के बाद काम पर लौटना था।
इससे पहले सोमवार को श्रीलंकाई खेल मंत्री रोशन रणसिंघे ने विश्व कप में भारत से मिली शर्मनाक हार के बाद राष्ट्रीय क्रिकेट बोर्ड को निलंबित कर दिया था। बता दें कि बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर रणसिंघे का श्रीलंका क्रिकेट के साथ महीनों से विवाद चल रहा था। मंत्री रणसिंघे के कार्यालय ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि था कि देश के 1996 विश्व कप विजेता कप्तान अर्जुन रणतुंगा को नए अंतरिम बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। इसके अलावा खेल मंत्री रोशम रणसिंघे ने श्रीलंका क्रिकेट के लिए अंतरिम समिति का गठन किया था। जिसमें एक रिटायर्ज जज और बोर्ड के एक पूर्व अध्यक्ष भी शामिल थे।