अपने पूरे करियर में केवल भारत के लिए एक मैच ही खेल सके 33 वर्षीय तेज गेंदबाज श्रीनाथ अरविंद, अब लिया संन्यास

विजय हजारे ट्रॉफी के फाइनल मुकाबले में कर्नाटक ने सौराष्ट्र को हराते हुए तीसरी बार खिताब अपने नाम कर लिया है. दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान में मंगलवार को खेले गए इस फाइनल मुकाबले में सौराष्ट्र को 41 रनों से हार का सामना करना पड़ा. इस मुकाबले में कर्नाटक की टीम ने बेहतरीन खेल दिखाया. इस जीत के साथ ही कर्नाटक के तेज गेंदबाज श्रीनाथ अरविंद ने घरेलू क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा की. सौराष्ट्र के खिलाफ फाइनल जीतने के बाद अरविंद श्रीनाथ ने कहा कि मैंने क्रिकेट के तीनों प्रारूपों से संन्यास ले लिया है.

Advertisement
अपने पूरे करियर में केवल भारत के लिए एक मैच ही खेल सके 33 वर्षीय तेज गेंदबाज श्रीनाथ अरविंद, अब लिया संन्यास

Aanchal Pandey

  • February 28, 2018 2:41 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

नई दिल्ली. विजय हजारे ट्रॉफी के फाइनल मुकाबले में कर्नाटक ने सौराष्ट्र को हराते हुए तीसरी बार खिताब अपने नाम कर लिया है. दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान में मंगलवार को खेले गए इस फाइनल मुकाबले में सौराष्ट्र को 41 रनों से हार का सामना करना पड़ा. इस मुकाबले में कर्नाटक की टीम ने बेहतरीन खेल दिखाया. इस जीत के साथ ही कर्नाटक के तेज गेंदबाज श्रीनाथ अरविंद ने घरेलू क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा की. सौराष्ट्र के खिलाफ फाइनल जीतने के बाद अरविंद श्रीनाथ ने कहा कि मैंने क्रिकेट के तीनों प्रारूपों से संन्यास लेने का निर्णय किया. उन्होंने कहा कि मैं अपने करियर को जीत के साथ समाप्त करना चाहता हूं और विजय हजारे ट्रॉफी जीतने से शानदार मौका नहीं हो सकता है. अरविंद ने 2015 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ केवल एक टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच में देश का प्रतिनिधित्व किया था. उस मैच में उन्होंने 44 रन देकर एक विकेट हासिल किया था. अरविंद से जब पूछा गया कि क्या टीम इंडिया और आईपीएल में नजरअंदाज किए जाने के बाद उन्होंने ये निर्णय तो नहीं लिया, तो उन्होंने कहा कि नहीं, मैं ऐसा नहीं सोचता, यह मेरा निजी फैसला है.

तेज गेंदबाज श्रीनाथ अरविंद ने 56 प्रथम श्रेणी मैच में 186 विकेट हासिल किए हैं, जिसमें दो बार पारी में 5 विकेट भी उन्होंने झटके हैं. वहीं 84 टी20 मैचों में उन्होंने 103 विकेट हासिल किए हैं. श्रीनाथ अरविंद आइपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के लिए खेलते रहे हैं. फाइनल मुकाबले में टीम के स्टार खिलाड़ी मयंक अग्रवाल ने 90 रनों की पारी खेलते हुए जीता दिलाई. इसके लिए अग्रवाल को मैन ऑफ द मैच भी घोषित किया गया. 

253 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी सौराष्ट्र टीम की शुरूआत निरशाजनक रही. टीम को शुरूआत में ही तीन झटके लग गए. लेकिन मयंक अग्रवाल और रविकुमार समर्थ की बल्लेबाजी के बाद लगा कि सौराष्ट्र मैच में वापसी कर जाएगा लेकिन इन दोनों के आउट होते ही पूरी टीम ही लड़खड़ा गई. टीम को 17 रनों के बीच में तीन बड़े झटके लग गए. जिसके बाद सौराष्ट्र की टीम दोबारा वापसी नहीं कर पाई और कर्नाटक ने तीसरी बार विजय हजारे ट्रॉफी का खिताब अपने नाम कर लिया.

IPL 2018: इंडियन प्रीमियर लीग के 11वें सीजन में होगा DRS का इस्तेमाल, BCCI ने दी हरी झंडी

भारतीय कप्तान विराट कोहली ने की शिखर धवन की हेड मसाज, ट्विटरबाजों ने यूं लिए मजे

Tags

Advertisement