केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि केंद्र इस तरह के कार्यो को आउटसोर्स करेगा, जिससे कि वह खेल प्रतिभा को निखारने के अपने मुख्य काम पर ध्यान दे सके. एथेंस ओलंपिक के रजत पदक विजेता राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने बताया कि खेल प्रतिभा को खोजने के आधार को विस्तृत बनाने के लिए सरकार कई कदम उठाने वाली है और स्कूली छात्रों के बीच खेल संस्कृति विकसित करना चाहती है.
नई दिल्ली: केंद्रीय खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) का नाम बदला जाएगा और इसे पुनर्गठित करके अधिक पेशेवर बनाया जाएगा, जिसमें सरकार का लक्ष्य 2022 तक कर्मचारियों की संख्या 50 प्रतिशत तक घटाने का है. ओलंपिक पदक विजेता राठौड़ ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि खेलों की इस शीर्ष संस्था के नाम से प्राधिकरण शब्द हटाया जाएगा, क्योंकि इस क्षेत्र में इसके लिए कोई जगह नहीं है. राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि खेल सेवा से जुड़ा है. फिलहाल साई के बजट का अधिकांश हिस्सा खेल के इतर के कार्यों पर ही खर्च होता है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र इस तरह के कार्यो को आउटसोर्स करेगा, जिससे कि वह खेल प्रतिभा को निखारने के अपने मुख्य काम पर ध्यान दे सके. एथेंस ओलंपिक के रजत पदक विजेता राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने बताया कि खेल प्रतिभा को खोजने के आधार को विस्तृत बनाने के लिए सरकार कई अहम कदम उठाने वाली है और इसमें स्कूली छात्रों के बीच खेल संस्कृति विकसित करना चाहती है.
राठौड़ ने कहा कि आठ से 18 साल की आयु की युवा प्रतिभा को चुनने के लिए अगले साल पूरे देश में प्रतिभा खोज अभियान लांच किया जाएगा. इन्हें विशेष तौर पर चुने गए स्कूलों में खेल और शिक्षा सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी. राठौर जब से खेल मंत्री बने हैं वह तेजी से भारतीय खेल को सही दिशा में लाने के प्रयास में जुटी है.
The ‘authority’ in ‘Sports Authority of India’has no place in sports today, to deliver better service @IndiaSports & @Media_SAI will shapeup
— Col Rajyavardhan Rathore (@Ra_THORe) October 22, 2017
उन्होंने देश के उन खिलाडिय़ों को भी मदद देने भरोसा जताया जो अपना जीवन चलाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि यह काफी दुखद है कि खेलों के हमारे नायकों को उनका सर्वश्रेष्ठ समय गुजरने के बाद जीविका चलाने के लिए संघर्ष करना पड़ता है. हमारे खिलाडिय़ों की मदद के बारे में आप क्या सोचते हैं हमें लिखे.
It concerns us when our sporting icons struggle for basic needs past their prime. Help @IndiaSports help athletes, write us what you think
— Col Rajyavardhan Rathore (@Ra_THORe) October 22, 2017
जवाहरलाल नेहरु स्टेडियम में बीएसएफ हाफ मैराथन में पहुंचे राठौड़ ने कहा कि हमारा मंत्र है ‘सम्मान और सुविधा’, जिसमें खिलाडिय़ों, कोचों और प्रशंसकों को सबसे ऊपर रखा जाता है.
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