सरकारों द्वारा खेल को बढ़ावा देने और खिलाडिय़ों को सुविधाएं देने के दावों की सच्चाई स्पेशल ओलंपिक्स वर्ल्ड समर गेम्स 2015 में 2 गोल्ड मेडल जीतने वाले 17 साल के राजबीर सिंह ने खोलकर रख दी है. राजबीर सिंह आज अपना पेट भरने के लिए दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर है.
लुधियानाः सरकारों द्वारा खेल को लेकर बढ़ावा देने और खिलाडिय़ों को हर तरह की सुविधाएं देने के दावों की सच्चाई स्पेशल ओलंपिक्स वर्ल्ड समर गेम्स 2015 में 2 गोल्ड मेडल जीतने वाले 17 साल के राजबीर सिंह ने खोलकर रख दी है. राजबीर सिंह आज अपना पेट भरने के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है. बता दें कि स्पेशल ओलंपिक्स समर गेम्स में भारत के लिए 2 गोल्ड मेडल जीतने वाले साइक्लिस्ट राजबीर सिंह का स्वागत उसके होमटाउन लुधियाना में एक हीरो की तरह हुआ था. दो गोल्ड मेडल जीतने वाले राजबीर को पंजाब की सरकार ने 15 लाख रुपये देने का ऐलान किया था जिसके बाद राजबीर ने मिलने वाले पैंसों से अपनी आगे की ट्रेनिंग पूरी कर दुनिया भर में भारत का नाम रोशन करने की ठान ली थी. लेकिन राजबीर का ये खेल के प्रति प्यार परवान न चढ़ पाया. और आज राजबीर एक दिहाड़ी मजदूरी और व्हीलचेयर खींचने का काम करते हुए अपनी जिंदगी काट रहा है. जब ये खबर मीडिया में पहुंची तो सरकार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं. पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस ट्वीट करते हुए लिखा कि, ‘मैंने इस विषय पर खेल सचिव से विस्तार में जानकारी मांगी हैं. जो भी मदद चाहिए होगी, सरकार जरूर करेगी’.
I have taken note of this report and have asked Sports Secretary for the details of the case. Whatever corrective measures are required, we will surely take them. pic.twitter.com/AOj3Ky8wdH
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) December 26, 2017
बता दें कि 17 साल के चैंपियन साइक्लिस्ट राजबीर ने ओलंपिक समर गेम्स के दो टूर्नामेंट 1 किलोमीटर की साइकिलिंग और 2 किलोमीटर की साइकिलिंग में दो स्वर्ण पदक अपने नाम किए थे. उसपर पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने राजबीर को एक सार्वजनिक कार्यक्रम में सम्मानित करते हुए 15 लाख रुपये देने की घोषणा की थी. इसके अलावा राजबीर को इनाम के तौर पर सरकार ने 1 लाख रुपये एक्सट्रा देने का भी ऐलान किया गया था, साथ ही केंद्र सरकार की तरफ से बॉन्ड्स के रुप में राजबीर को 10 लाख रुपये देने का भी वादा किया गया था.लेकिन ये वादे सिर्फ वादे बनकर ही रह गए जिसकी वजह से राजबीर के सपने पूरे न हो सके.
यह मेरे लिए बड़ा मौका कि मैं खुद के लिए और देश के लिए अच्छा करूं: अजिंक्य रहाणे
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