नई दिल्ली: हॉकी इंडिया ने गुरूवार, 2 मई को (FIH Pro League) के बेल्जियम और इंग्लैंड चरण के लिए 24 सदस्यीय भारतीय महिला हॉकी टीम का ऐलान किया। इस लीग की शुरूआत 22 मई से शुरू होगी। इस टीम की कमान नई कप्तान झारखंड की सलीमा टेटे के हाथों में सौंपी गई है। उनका यहां […]
नई दिल्ली: हॉकी इंडिया ने गुरूवार, 2 मई को (FIH Pro League) के बेल्जियम और इंग्लैंड चरण के लिए 24 सदस्यीय भारतीय महिला हॉकी टीम का ऐलान किया। इस लीग की शुरूआत 22 मई से शुरू होगी। इस टीम की कमान नई कप्तान झारखंड की सलीमा टेटे के हाथों में सौंपी गई है। उनका यहां तक पहुंचने का सफर बेहद कठिनाई भरा रहा है।
22 वर्ष की सलीमा टेटे का जन्म झारखंड के सिमडेगा जिले के एक छोटे से गांव बड़की छापर में हुआ। सलीमा टेटे के पिता किसान है। इसके साथ ही उनके पिता भी अपने स्थानीय हॉकी टीम का हिस्सा थे। अपने पिता को देखकर ही सलीमा के मन में हॉकी के प्रति जुनून और एक सपना पैदा हुआ। सलीमा अपने गांव में बांस की लकड़ियों से बनी स्टिक से हॉकी खेला करती थीं। उनकी मां दूसरों के घरों में काम करती थी और उनकी बड़ी बहन भी दूसरों के घरों में बर्तन साफ करती थी।
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सलीमा की बड़ी बहन अनिमा भी कभी हॉकी खेला करती थीं। लेकिन अपनी छोटी बहनों के सपनों को पूरा करने के लिए उन्होंने अपना सपना त्याग दिया और दूसरों के घरों में काम करना शुरू कर दिया। वह दूसरों के घर में बर्तन साफ करती थीं। वहीं सलीमा की छोटी बहन महिमा टेटे भी झारखंड की जूनियर महिला हॉकी टीम का हिस्सा है।
सलीमा टेटे के टैलेंट को पहली बार साल 2013 में पहचान मिली। उस समय उनका सेलेक्शन झारखंड सरकार के सिमडेगा में संचालित आवासीय हॉकी सेंटर के लिए हुआ था। इसके बाद उन्हें राज्य की टीम में मौका मिला जिसके बाद उन्होंने नेशनल टीम में अपनी जगह बनाई। सलीमा को साल 2016 में जूनियर भारतीय महिला टीम के लिए चुना गया। यह उनका अन्तर्राष्ट्रीय डेब्यू था। उन्होंने कई इंटरनेशनल हॉकी कम्पटीशन में शानदार प्रदर्शन किया है। सलीमा टेटे अब तक टोक्यो ओलिंपिक, वर्ल्ड कप और कॉमनवेल्थ गेम्स का भी हिस्सा रह चुकी है।
सलीमा टेटे के साथ-साथ झारखंड की रहने वाली तीन और खिलाड़ियों का सेलेक्शन हुआ है। जिनके नाम हैं निक्की प्रधान, संगीता कुमारी और दीपिका सोरेंग। इन खिलाड़ियों का सफर भी लगभग सलीमा जैसा ही है।
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