नई दिल्ली। टी-20 विश्व कप के दूसरे समीफाइनल मैच में भारत की मिली करारी शिकस्त को लेकर भारतीय समर्थकों में रोष देखने को मिल रहा है। वहीं भारतीय क्रिकेटरों को फैंस की तीखी आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ रहा है। इस दौरान भारतीय समर्थकों के रक्षा कवच के रूप में भारतीय टीम के पूर्व […]
नई दिल्ली। टी-20 विश्व कप के दूसरे समीफाइनल मैच में भारत की मिली करारी शिकस्त को लेकर भारतीय समर्थकों में रोष देखने को मिल रहा है। वहीं भारतीय क्रिकेटरों को फैंस की तीखी आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ रहा है। इस दौरान भारतीय समर्थकों के रक्षा कवच के रूप में भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर एवं दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर सामने आए और उन्होने समर्थकों को करारा जवाब दिया है।
भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर एवं दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने इस समय भारतीय क्रिकेट टीम के समर्थकों को तल्ख रवैया अपनाकर जवाब दिया है। हम आपको बता दें कि, इंग्लैड द्वारा मिली करारी शिकस्त के बाद भारतीय समर्थकों की तीखी टिप्पणी का सामना कर रही भारतीय टीम के बचाव में आते हुए सचिन तेंदुलकर ने कहा कि, अगर समर्थक भारतीय टीम की जीत पर जश्न मनाते हैं तो हार को भी सहन करने की क्षमता रखें, हालांकि तेदुलकर के इस ट्विट से भी लोगों को नाराज़गी है। साथ ही तेंदुलकर ने कहा कि, जैसे सिक्के के दो पहलू होते हैं वैसे ही जीवन के भी दो पहलू होते हैं। यदि आप जीत का जश्न मनाने के हक रखते हैं तो हार को सहन करना भी आपको सीखना चाहिए।
तेंदुलकर की इस टिप्पणी में भारतीय टीम के फैंस का कहना है कि, हम हार से आहत नहीं हैं बल्कि जिस तरह से हम हारे हैं वह हमारे लिए असहनीय है।
टी-20 विश्व कप का दूसरा सेमीफाइनल 10 नवंबर को भारत और इंग्लैंड के बीच खेला गया जिसमें भारत ने निर्धारित 20 ओवरों में अंग्रेजी टीम को 168 रनों का लक्ष्य दिया था। अंग्रेजी टीम ने इस लक्ष्य को बिना कोई विकेट गंवाए मात्र 16 ओवरों में ही प्राप्त कर लिया और भारतीय टीम का पत्ता फाइनल की सूची में जगह बनाने वाली टीमों के नाम से भी हटा दिया। हम आपको बता दें कि, पहला सेमीफाइनल चिर प्रतिद्वंदी पाकिस्तान और न्यूज़ीलैेंड के बीच हुआ था। इस मैच में पाकिस्तान ने न्यूज़ीलैंड को परास्त करके फाइनल में पहुंचने वाली पहली टीम के रूप में अपना नाम दर्ज करवा लिया।
भारत के खिलाफ इंग्लैण्ड के सलामी बल्लेबाज बटलर एवं हेल्स ने धमाकेदार शुरुआत की और वह मैच के अंत तक अपना आतंक बरपाते रहे, फलस्वरूप भारतीय टीम को पराजय का सामना करना पड़ा