प्रो रेसलिंग सीजन-3 की शुरूआत से पहले दो बार के ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार ने अपने मन की बात लोगों से साझा की और भारतीय कुश्ती के बारे में अपना विचार रखा। उन्होंने कहा कि PWL से भारतीय कुश्ती का फायदा होगा और युवा खिलाड़ी इस लीग से काफी कुछ सीख सकेंगे।
नई दिल्ली: दो बार के ओलंपिक पदक विजेता और राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित पहलवान सुशील कुमार प्रो रेसलिंग लीग सीजन-3 में डेब्यू करने जा रहे है. लीग शुरू होने से पहले उन्होंने अपने मन की बात दर्शकों से साझा की. सुशील कुमार ने भारत में कुश्ती के भविष्य के बारे में बात करते हुए कहा कि भारत में 2008 के बाद से कुश्ती के प्रति लोगों का नजरिया बदला है. अब लोग कुश्ती देखने लगे हैं. वे अब अपने बच्चों को कुश्ती खेलने के लिए भी प्रोत्साहित करते हैं. गौरतलब है कि सुशील ने बीजिंग ओलंपिक 2008 में कांस्य पदक जीता था.
पीडब्ल्यूएल के सबसे महंगे खिलाड़ी ने कहा कि साक्षी मलिक द्वारा ओलंपिक में स्वर्ण पदक और फोगाट बहनों के विश्व स्तर पर उभरने के बाद लड़कियां भी अब कुश्ती के लिए आगे आने लगी हैं. कुल मिलाकर देश में अब कुश्ती के लिए अच्छा माहौल है. पीडब्ल्यूएल पर बोलते हुए सुशील ने कहा कि यह भारतीय कुश्ती संघ और प्रो स्पोर्टीफाइ की एक अच्छी पहल है. इस लीग के कारण ही अब विदेशी खिलाड़ी भी भारत में खेलना चाह रहे हैं. सुशील ने बताया कि हाल ही में जब वह फ्रांस में विश्व चैंपियनशिप के लिए गए थे तो कई विदेशी खिलाड़ियों ने इस लीग में खेलने की इच्छा जताई थी.
दिल्ली सुल्तांस की तरफ से डेब्यू कर रहे सुशील ने कहा कि विदेशी खिलाड़ियों के भारत आने से देश के युवा खिलाड़ियों को भी फायदा होगा और वह उनसे कुश्ती के बहुत से गुर सीख सकेंगे. एक ही टीम में बड़े और युवा खिलाड़ियों दोनों के होने की वजह से खिलाड़ी एक दूसरों के अनुभवों को जान सकेंगे. इससे भारतीय कुश्ती को ही फायदा होगा.