Prithvi Shaw Suspended for Doping: भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी पृथ्वी शॉ को बीसीसीआई ने डोप टेस्ट में फेल होने के चलते 15 नवंबर तक बैन कर दिया है. उन्होंने खांसी को ठीक करने के लिए कफ सीरप ली थी जिसमें डोपिंग नियमों में प्रतिबंधित पदार्थ पाया गया. इसके चलते पृथ्वी शॉ को सस्पेंड कर दिया गया है. वहीं पृथ्वी शॉ ने अपनी सफाई में कहा कि उन्हें कफ सीरप में प्रतिबंधित पदार्थ होने की जानकारी नहीं थी और उन्होंने यह अनजाने में नहीं किया है.
नई दिल्ली. भारतीय क्रिकेट टीम के सलामी बल्लेबाज पृथ्वी शॉ डोपिंग टेस्ट में फेल होने के कारण निलंबित कर दिया है. बीसीसीआई ने पृथ्वी शॉ का डोप टेस्ट पॉजिटिव पाया जिसके बाद उन्हें 15 नवंबर तक क्रिकेट खेलने से बैन कर दिया है. बीसीसीआई ने अपनी प्रेस रिलीज जारी कर मंगलवार को जानकारी दी कि पृथ्वी शॉ ने अनजाने में एक निषिद्ध पदार्थ का सेवन किया था, जो कि आमतौर पर कफ सीरप में पाया जाता है. इस तरह से उन्होंने डोपिंग के नियमों का उल्लंघन किया है जिसके चलते उन पर प्रतिबंध लगाया गया है.
बीसीसीआई के मुताबिक इंदौर में 22 फरवरी को मुश्ताक अली ट्रॉफी के दौरान बीसीसीआई के डोपिंग रोधी परीक्षण कार्यक्रम के तहत पृथ्वी शॉ के यूरिन का सैंपल लिया गया. शॉ के यूरिन के नूमने परीक्षण में टरबुटालाइन पाया गया. दरअसल यह डोपिंग के नियमों के मुताबिक एक बैन पदार्थ है.
पृथ्वी शॉ का इस मामले पर कहना है कि उन्हें उस वक्त खांसी की शिकायत थी, उसके लिए उन्होंने कफ सीरप ली थी. उन्होंने जान-बूझकर नहीं बल्कि अनजाने में उसका सेवन किया था. साथ ही डॉक्टर ने उन्हें यह दवा दी थी.
बीसीसीआई ने भी पृथ्वी शॉ के स्पष्टीकरण को स्वीकार किया और माना कि टरबुटलाइन का उन्होंने अनजाने में खांसी ठीक करने के लिए सेवन किया था. पृथ्वी शॉ का मकसद नहीं था कि इसे प्रदर्शन को बढ़ाने वाली दवा के रूप में उपयोग किया जाए. हालांकि बीसीसीआई का यह भी कहना है कि उन्होंने भले ही यह अनजाने में किया लेकिन नियमों के मुताबिक उन्हें इसके लिए सजा तो भुगतनी ही पड़ेगी.
— Prithvi Shaw (@PrithviShaw) July 30, 2019
बीसीसीआई ने पृथ्वी शॉ पर 8 महीनों का बैन लगाया जिसकी अवधि 15 मार्च 2019 से 15 नवंबर 2019 तक है. इसमें से आधे से ज्यादा समय पहले गुजर चुका है.
आपको बता दें कि टीम इंडिया के सलामी बल्लेबाज पृथ्वी शॉ ने वेस्टइंडीज टीम के खिलाफ साल 2018 भारतीय क्रिकेट टीम में टेस्ट फॉर्मेट के लिए डेब्यू किया थ. डेब्यू मैच में ही शॉ के बल्ले से शतक निकला था, हालांकि वह इंग्लैंड के खिलाफ भी टेस्ट टीम में चुने गए थे लेकिन चोट के कारण मैच नहीं खेल सके थे.