आईसीसी ने एक और निर्णय लिया है, जो भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के लिए कुछ चुनौतीपूर्ण हो सकता है.
नई दिल्ली : भारत और पाकिस्तान के बीच चैंपियंस ट्रॉफी 2025 को लेकर चल रहा विवाद अब सुलझ चुका है। आईसीसी ने इस मामले में अपना फैसला सुनाते हुए यह स्पष्ट किया है कि टूर्नामेंट हाइब्रिड मॉडल के तहत ही आयोजित किया जाएगा। हालांकि, इस फैसले के साथ आईसीसी ने एक और निर्णय लिया है, जो भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के लिए कुछ चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन इसका असर बहुत अधिक नहीं होगा।
आईसीसी ने 2024 से 2027 तक भारत और पाकिस्तान में होने वाले सभी प्रमुख टूर्नामेंट्स के लिए हाइब्रिड मॉडल लागू किया है। इसका मतलब है कि भारत में होने वाले वीमेंस वर्ल्ड कप 2025 को भी हाइब्रिड मॉडल के तहत आयोजित किया जाएगा। इसके साथ ही आईसीसी ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को भी खुशखबरी दी है कि 2028 में वीमेंस टी20 वर्ल्ड कप पाकिस्तान में आयोजित होगा, लेकिन वह भी हाइब्रिड मॉडल के तहत ही होगा।
इस नए फैसले का असर यह होगा कि अब पाकिस्तान क्रिकेट टीम किसी भी टूर्नामेंट के लिए भारत नहीं आएगी। वनडे विश्व कप 2023 के दौरान पाकिस्तान टीम भारत आई थी, लेकिन उस टूर्नामेंट में उनका प्रदर्शन अपेक्षाकृत खराब रहा था। अब 2027 तक पाकिस्तान क्रिकेट टीम भारत में होने वाले किसी भी टूर्नामेंट में भाग नहीं लेगी। आईसीसी के इस फैसले के अनुसार, 2027 तक भारत और पाकिस्तान में होने वाले टूर्नामेंट्स के लिए हाइब्रिड मॉडल लागू रहेगा।
इस फैसले का भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) पर क्या असर पड़ेगा? भारत और पाकिस्तान के मैच हमेशा दुनियाभर में बेहद लोकप्रिय रहते हैं और इन मैचों के लिए बहुत बड़ी संख्या में दर्शक जुटते हैं। अब पाकिस्तान टीम किसी तीसरे देश में अपने मैच खेलेगी, जिसका मतलब है कि जहां भी भारत और पाकिस्तान का मैच होगा, वहां के आयोजकों को फायदा होगा। टिकट बिक्री से लेकर टीवी प्रसारण तक, सभी राजस्व उस देश को मिलेगा। इससे बीसीसीआई को थोड़ा आर्थिक नुकसान हो सकता है, लेकिन इसका असर ज्यादा नहीं होगा।
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