भारतीय कुश्ती संघ ने चैंपियनशिप के लिए आधार कार्ड को बनाया जरूरी

राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर उम्र संबंधी फर्जीवाड़े से बचने के लिए भारतीय कुश्ती संघ ने सभी सीनियर, जूनियर, सब-जूनियर और कैडेट टूर्नमेंट के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य कर दिया है. इसका मतलब ये है कि अब कोई भी पहलवान नेशनल व स्टेट चैंपियनशिप बिना आधार कार्ड के नहीं लड़ पाएगा.

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भारतीय कुश्ती संघ ने चैंपियनशिप के लिए आधार कार्ड को बनाया जरूरी

Aanchal Pandey

  • March 11, 2018 10:59 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

चंडीगढ़: राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर उम्र संबंधी फर्जीवाड़े से बचने के लिए भारतीय कुश्ती संघ ने सभी सीनियर, जूनियर, सब-जूनियर और कैडेट टूर्नमेंट के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य कर दिया है. इसका मतलब ये है कि अब कोई भी पहलवान नेशनल व स्टेट चैंपियनशिप बिना आधार कार्ड के नहीं लड़ पाएगा. ये फैसला पिछली कई चैंपियनशिप में सामने आए धोखाधड़ी के बाद लिया गया है. फेडरेशन के अनुसार, उम्र के गलत आंकड़े पेश करने के साथ, इस निर्णय से उन खिलाड़ियों पर भी रोक लगेगी जो जाली आवास सर्टिफिकेट दिखाते हैं. साथ ही मूल राज्य से अनापत्ति सर्टिफिकेट लिए बिना अपना राज्य बदलकर दूसरे राज्य से खेलते हैं.

पहलवान अपने प्रदेश में अच्छा नहीं कर पाने के बाद संघ से एनओसी लिए बिना ही दूसरे प्रदेश से खेलना शुरू कर देते हैं. पहलवान ऐसे प्रदेशों का चुनाव करते हैं, जहां कुश्ती में ज्यादा अच्छे पहलवान मौजूद नहीं होते हैं. इसके पीछे वजह ये होती है कि पहलवानों को स्टेट लेवल तक हराकर वह नेशनल तक आसानी से पहुंच जाते है. ऐसे पहलवानों के बारे में आसानी से पता भी नहीं चलता है, क्योंकि स्टेट लेवल तक उनका रिकार्ड सभी प्रदेशों के संघ के पास भिन्न-भिन्न होता है. वहीं ऐसे भी पहलवान मौजूद हैं जो हारने के बाद अपने फर्जी प्रमाण पत्र बनवाकर उम्र कम दिखाने की कोशिश करते हैं.

इस निर्णय के बाद नेशनल और स्टेट लेवल कुश्ती के लिए अब आधार कार्ड को सभी तरह की सीनियर, जूनियर और कैडेट कैटिगरी के लिए आवश्यक बना दिया है. रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के सचिव विनोद तोमर ने अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि आधार से पहले खिलाड़ी नए दस्तावेज पेश कर आसानी से उम्र में धोखाधड़ी और झूठे आवास सर्टिफिकेट पेश कर संबंधित प्रतियोगिताओं में खेल लेते थे. इस नियम के वजूद में आने के वह ऐसा नहीं कर पाने में कामयाब नहीं हो पाएंगे. अगर कोई खिलाड़ी अपना राज्य छोड़कर किसी और राज्य से खेलना भी चाहता है, तो ऐसे मामले उन खिलाड़ियों को अपने मूल राज्य से एनओसी लेना जरूरी होगा.

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