नई दिल्ली: भारत की पहलवान निशा दहिया को पेरिस ओलंपिक के क्वार्टर फाइनल में हार का सामना करना पड़ा। वे महिलाओं के 68 किलोग्राम भारवर्ग में उत्तर कोरिया की पहलवान पाक सोल गुम के खिलाफ मुकाबला कर रही थीं। निशा ने शुरुआत में ही 8-1 की बढ़त बना ली थी, लेकिन मुकाबले के दौरान उत्तर कोरियाई पहलवान ने उन्हें मैट से बाहर कर एक अंक हासिल किया, जिससे स्कोर 8-2 हो गया।
जब मुकाबला खत्म होने में केवल 33 सेकंड बचे थे, निशा चोटिल हो गईं। मैच को रोककर उनके हाथ पर पट्टी बांधी गई, लेकिन यह उनके लिए लाभकारी नहीं रहा। पाक सोल गुम ने इस मौके का फायदा उठाते हुए 11 सेकंड में चार अंक हासिल कर लिए, जिससे स्कोर 8-8 की बराबरी पर पहुंच गया। मैच खत्म होने में जब 12 सेकंड बचे थे, तब निशा को और अधिक दर्द होने लगा और मैच को फिर से रोका गया। उनके कोच ने उन्हें साहस दिया और कहा कि वे अभी भी जीत सकती हैं।
मैच के अंतिम 12 सेकंड में उत्तर कोरियाई पहलवान ने दो और अंक हासिल किए और मैच 10-8 से जीत लिया। निशा मैच के खत्म होने के बाद मैट पर ही लेट गईं और फूट-फूट कर रोने लगीं, क्योंकि वे जीत के काफी करीब थीं। यदि वे 10 अंक बना लेतीं, तो वे तकनीकी श्रेष्ठता के आधार पर मैच जीत जातीं, लेकिन चोट के कारण यह संभव नहीं हो सका।
भले ही निशा क्वार्टर फाइनल में हार गईं लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी पूरी ताकत से मुकाबला किया। उनका ये संघर्ष और जज्बा देशवासियों के दिलों को छू गया। उनके पास अभी भी पदक जीतने का मौका है। निशा ने अपने प्रदर्शन से यह दिखा दिया कि वे किसी भी एथलीट से कम नहीं हैं।
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