नई दिल्ली: पिछले सप्ताह पहलवान विनेश फोगाट का पेरिस से लौटने पर बलाली गांव में भव्य स्वागत किया गया था. वहीं अगली पीढ़ी को अपनी छाप छोड़ते देखने के लिए विनेश को ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ा.
नई दिल्ली: पिछले सप्ताह पहलवान विनेश फोगाट का पेरिस से लौटने पर बलाली गांव में भव्य स्वागत किया गया था. वहीं अगली पीढ़ी को अपनी छाप छोड़ते देखने के लिए विनेश को ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ा. वहीं 16 साल की नेहा सांगवान ने गुरुवार शाम को जॉर्डन के अम्मान में जापान की सो त्सुत्सुई पर 10-0 से जीत के साथ 57 किलोग्राम वर्ग में अंडर-17 विश्व खिताब जीता.
वहीं नेहा सांगवान ने कहा कि यह मेरे लिए बहुत बड़ी बात है और यह खिताब विनेश दीदी और सभी महिला पहलवानों के लिए है. विनेश दीदी हम सभी के लिए प्रेरणा बनी हुई हैं और यह विश्व खिताब बलाली गांव के साथ-साथ भारत की महिला पहलवानों को भी प्रेरित करेगा, वहीं उनके पिता अमित कुमार सांगवान को विश्वास ही नहीं हो रहा था कि विनेश के ओजस्वी भाषण के कुछ ही दिन बाद उनकी बेटी ने गांव को गौरवान्वित किया है.
गांव के पूर्व सरपंच कहा कि नेहा ने पिछले हफ्ते विनेश के स्वागत के लिए माला तैयार करने में पूरी दोपहर बिताई थी, जब वह स्टेज पर जाती थीं तो विनेश उनसे कहती थीं कि उन जैसी लड़कियों को अपना सपना पूरा करना चाहिए. नेहा को अपना पहला विश्व खिताब जीतते देख आज विनेश भी खुश हुई होंगी. यह पूरे बलाली गांव के लिए भी एक विशेष एहसास है.
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