नई दिल्ली। नीरज चोपड़ा विश्व एथलेटिक्स में सिल्वर पदक जीतने के साथ ही वह इस टूर्नामेंट के भाला फेंक प्रतियोगिता के इतिहास में ऐसा करने वाले पहले भारतीय पुरुष खिलाड़ी बन गए हैं। उनके इस उपलब्धि से उनके गांव में खुशी महौल छा गया है। उनकी मां खुशी से झूम उठीं और उनके पिता के […]
नई दिल्ली। नीरज चोपड़ा विश्व एथलेटिक्स में सिल्वर पदक जीतने के साथ ही वह इस टूर्नामेंट के भाला फेंक प्रतियोगिता के इतिहास में ऐसा करने वाले पहले भारतीय पुरुष खिलाड़ी बन गए हैं। उनके इस उपलब्धि से उनके गांव में खुशी महौल छा गया है। उनकी मां खुशी से झूम उठीं और उनके पिता के आंखों में खुशी के आंसू छलक आए।
बता दें की उनसे पहले महिलाओं में पूर्व दिग्गज एथलीट अंजू बॉबी जॉर्ज ने 2003 में इस प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीता था। इस टूर्नामेंट के फाइनल में जगह बनाने के लिए नीरज चोपड़ा ने अपने पहले ही प्रयास में 88.39 मीटर की दूरी तय की और विश्व एथलेटिक्स के फाइनल में जगह बनाई थी। अब विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप के फाइनल में उन्होंने 88.13 मीटर दूर भाला फेंक कर इतिहास रच दिया है। ओलिंपिक के गोल्डन बॉय नाम से मशहूर नीरज चोपड़ा के वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में सिल्वर जीतते ही उनके पिता के आंसू निकल आए। उनकी मां खूशी से झूमने लगीं और गांव के लोगों में लड्डू बंटने लगे। उनकी मां खुशी से नाचते हुए बोलीं- मेरा बेटा जैसे ही घर आएगा, उसे अपने हांथो से चूरमा खिलाऊंगी। नीरज चोपड़ा के सिल्वर पदक जीतने से पूरे देश में जश्न का माहौल है। पीएम मोदी ने भी उनको बधाई दी है।
विश्व एथलेटिक्स प्रतियोगिता में 24 साल के नीरज के अलावा 34 अन्य एथलीट शामिल हुए थे। सभी एथलीट्स को दो ग्रुप में रखा गया था। नीरज को पहले ग्रुप में रखा गया था, जबकि रोहित को ग्रुप बी में रखा गया था। नीरज ने फाइनल में जगह बनाने के लिए अपने करियर का तीसरा बेस्ट थ्रो किया था। नीरज और रोहित के साथ कुल 12 खिलाड़ियों ने जैवलिन थ्रो के फाइनल में जगह बनाई थी। चेक गणराज्य के एथलेटिक्स जाकुब वादलेज्च ने भी पहली ही कोशिश में 85.23 मीटर दूर भाला फेंका।