पदक विजेता सुशील कुमार साक्षी मलिक और गीता फोगाट ने शुक्रवार को इंदौर में चल रही राष्ट्रीय सीनियर कुश्ती चैंपियनशिप में स्वर्ण जीत कर दिखा दिया है कि वो ओलंपिक के लिए तैयार हैं
नई दिल्ली. तीन साल के बाद वापसी करने वाले दिग्गज पहलवान और ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार ने राष्ट्रीय कुश्ती चैंपियनशिप के पुरुषों के 74 किलोग्राम फ्रीस्टाइल में शुक्रवार को क्वार्टर फाइनल, सेमीफाइनल और फाइनल मुकाबले खेले बिना ही स्वर्ण पदक अपने नाम किया. तीनों मुकाबलों में सुशील कुमार को वाकओवर मिला. इस प्रतियोगिता में उन्हें महज 1 मिनट 33 सेकेंड की ही कुश्ती लड़नी पड़ी. फाइनल में सुशील का मुकाबला प्रवीण राणा से था लेकिन वो चोटिल होने के कारण मुकाबले में नहीं उतरे. इससे पहले क्वार्टर फाइनल में उन्हें प्रवीण ने वाकओवर दिया तो वहीं सेमीफाइनल में सचिन दहिया उनके खिलाफ मैदान में नहीं उतरे.सुशील ने पहले दौर में मिजोरम के लालमलस्वामा को सिर्फ 48 सेकेंड और दूसरे दौर में मुकुल मिश्रा को महज 45 सेकेंड में चित कर मात दी थी.
रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक औेर गीता फोगाट ने भी शुक्रवार को इंदौर में चल रही राष्ट्रीय सीनियर कुश्ती चैंपियनशिप में स्वर्ण जीता. मलिक ने अपने 62 किग्रा भार वर्ग में शानदार प्रदर्शन करते हुए 49 सेकेंड में हरियाणा की ही पहलवान पूजा तोमर को 10-0 से शिकस्त देकर पीला तमगा हासिल किया. इस शानदार प्रदर्शन से इन खिलाड़ियों ने दिखा दिया है कि वो ओलंपिक के लिए तैयार हैं.
59 किग्रा वजन वर्ग के फाइनल में हरियाणा ‘ए’ टीम की गीता फोगाट ने अपने ही राज्य की ‘बी’ टीम की रविता को 10-0 से मात देते हुए स्वर्ण पदक हासिल किया. गीता के पति पवन कुमार भी 86 किलो वर्ग में शीर्ष पर रहे. गीता ने पहले राउंड में 4-0 की बढ़त बना ली थी. अगले अगले राउंड में उन्होंने रविता को एक तरफा मात दी.
नरसिंह रियो ओलंपिक से पहले डोपिंग मामले मं दोषी पाए गए थे और उन पर चार साल का प्रतिबंध लगा दिया गया है. इसलिए वे खुद तो मैट पर नहीं उतर सके, लेकिन उन्होंने शिल्पी के लिए पदक का सपना देखा, जो पूरा नहीं हो सका.