MS Dhoni Gloves Army Insignia Controversy Social Media Reactions: पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के ग्लव्स पर लगे भारतीय सेना के बलिदान बैज पर उपजे विवाद के बाद सोशल मीडिया पर जमकर बहस हो रही है. अधिकतर लोग इस मामले पर एमएस धोनी के साथ खड़े हैं और इनका कहना है कि यदि आईसीसी धोनी के बलिदान बैज को बैन करता है तो बीसीसीआई को वर्ल्ड कप के आगामी मैचों से पीछे हट जाना चाहिए.
नई दिल्ली. क्रिकेट की दुनिया के महासंग्राम वर्ल्ड कप के दौरान पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के गल्वस पर लगे भारतीय सेना के बलिदान बैज को लेकर विवाद छिड़ गया है. 5 जून को साउथैंप्टन में साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेले गए मैच में एमएस धोनी ने बलिदान बैज लगे ग्लवस पहनकर विकेट कीपिंग की थी. जिसके बाद इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल, आईसीसी ने इस पर आपत्ति जताई थी और नियमों का हवाला देते हुए बीसीसीआई को धोनी के ग्लव्स से बलिदान बैज हटाने की बात भी कही. इसके बाद सोशल मीडिया पर कई लोग माही के समर्थन में खड़े हो गए. कई बॉलीवुड स्टार्स ने भी इस मामले पर टिप्पणी की और धोनी का समर्थन किया. हालांकि कुछ लोग इस मामले में आईसीसी के रूख से भी सहमत दिखे. इनका मानना है कि क्रिकेट को सिर्फ खेल की भावना के साथ ही खेलना चाहिए.
फिल्म अभिनेता रितेश देशमुख ने ट्वीट किया है कि भारतीय सेना स्वतंत्र है. लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र सिंह धोनी के बलिदान बैज पहनने पर हमें गर्व है. इससे किसी की भावनाएं आहत नहीं होती है.
Indian Army has always been independent irrespective of the political party in power. We are proud of them. Lt. Col. @msdhoni has worn the Army insignia as a symbol of pride. Doesn’t hurt anyone’s sentiments, In fact it honours the brave #DhoniKeepTheGlove #WorldCup2019
— Riteish Deshmukh (@Riteishd) June 7, 2019
इनका कहना है कि यदि इस बैज में दिक्कत है तो सिर्फ सफेद किट में मैच करवाओ, वो भी बिना विज्ञापन लगे हुए.
अगर इस badge से इतनी दिक्कत है तो सिर्फ सफेद किट में मैच स्टार्ट करवाओ वो भी बिना विज्ञापन लगे हुए, तभी खेल भावना होगी वरना तुम तो व्यापर कर रहे। @ICC @BCCI की इन्ही हरकतों से क्रिकेट देखने वाले कम हो रहे
— Mayur Chaturvedi (@MayurChaturved5) June 7, 2019
इनका कहना है कि बीसीसीआई को साफ-साफ कहना चाहिए था कि यदि आईसीसी बलिदान बैज हटाने को कहता है तो हमें बाकी के मैच नहीं खेलेंगे और घर लौट जाएअंगे. ये लोग आईपीएल के लिए लड़ सकते हैं लेकिन बलिदान बैज के लिए नहीं?
But what is #BCCI doing? They can clearly say if you ask to remove we will go home, forget about remaining matches. We will have our own Cricket council, etc. For IPL they could fight, but not for Balidan Badge???
— Rose Mondy (@Rosmondy) June 7, 2019
सिद्धार्थ सिंह नाम के एक यूजर का कहना है कि इस समय हमें धोनी का सपोर्ट करना चाहिए. बीसीसीआई यदि धोनी को इस समय सपोर्ट नहीं किया तो भविष्य में कई दिक्कत आ सकती है.
I support @msdhoni… @BCCI can do some things.. On this time… And support @msdhoni & he is army officer.. @BCCI if this time you not supporting @msdhoni the this creates many problems for future… Full support to ms. Dhoni.. 🙏
— Siddharth Suryavanshi (@04_suryavanshi) June 7, 2019
इनका कहना है कि होना कुछ नहीं है
Against the rule thar military mark. ICC called explanation from BCCI. Hona kch nai ha;)
— faizzanzafar 🇵🇰 (@SheeshaKing007) June 7, 2019
ये लोग महेंद्र सिंह धोनी के साथ खड़े हैं
एक ही दिल है कितनी बार जीतोंगे आदरणीय धोनीभाई, धोनी है सेना के स्वाभिमान के साथ और में हूँ धोनी के साथ । @msdhoni न झुकेगा,ना रुकेगा क्योंकि देश है धोनी के साथ। जय हो धोनीभाई @msdhoni @ImRo45@AmitShah @PMOIndia @KirenRijiju #DhoniKeepTheGlove @BCCI pic.twitter.com/g5r6OYCOyJ
— Dr Sanam Patel (@drsanampatel) June 7, 2019
https://twitter.com/DilipShenoy/status/1136900703987720192
It's our country's force batch. Mr. Dhoni I m with you don't remove it. It's pride of India and our forces too
— Rakesh Mittal (@RakeshM70599311) June 7, 2019
थोड़े मजे भी ले लें
https://twitter.com/theakashlahoti/status/1136897499744964608
बीसीसीआई ने इस मामले पर चर्चा करने के लिए शुक्रवार सुबह बैठक बुलाई. इस बैठक में धोनी के भारतीय सेना के बलिदान बैज को यूज करने पर सही माना. अब बीसीसीआई के अधिकारी इस मामले में महेंद्र सिंह धोनी के साथ खड़े हैं. बीसीसीआई अब आईसीसी से एमएस धोनी के बलिदान बैज वाले ग्लव्स पहनने की इजाजत मांगेगा. दूसरी तरफ आईसीसी का कहना है कि बीसीसीआई का जवाब सुनने के बाद वे तय करेंगे कि धोनी को सेना का बलिदान बैज पहनने दिया जाए या नहीं.