नई दिल्ली: भारत को ओलिंपिक में 12 साल के बाद शूटिंग का मेडल मिला है. शूटर मुन भाकर ने विमेंस 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया है. उन्होंने फाइनल इवेंट में 221.7 पॉइंट्स के साथ कांस्य जीता है.
बता दें कि एक वक्त ऐसा था जब मनु शूटिंग छोड़ना देना चाहती थीं. आइए जानते हैं पूरा किस्सा…
साल था 2021. जापान की राजधानी टोक्यो में ओलिंपिक खेलों का आयोजन हो रहा था. इस दौरान में मनु भाकर क्वालिफाइंग राउंड में थीं. उन्हें 55 मिनट में 44 शॉट लेने थे. लेकिन तभी उनकी पिस्टल में खराबी आ गई. इसके बाद करीब 20 मिनट तक वे एक भी निशाना नहीं लगा पाईं. पिस्टल ठीक होने का बाद भी मनु केवल 14 शॉट ही लगा पाईं और फाइनल की दौड़ से बाहर हो गईं.
इसके बाद जब मनु वापस भारत लौटीं तो वे इतनी उदास थीं कि शूटिंग छोड़ देना चाहती थीं. मनु की मां ने मीडिया से बात करते हुए बताया था कि उन्होंने मनु की पिस्टल छिपा दी, ताकि उस पर नजर न पड़े और फिर वह दुखी न हो जाए. बता दें कि मनु हरियाणा के झज्जर की रहने वालीं हैं.
लो जी आ गया पेरिस ओलंपिक पहला मेडल! शूटर मनु भाकर ने ब्रॉन्ज पर लगाया निशाना