Koneru Humpy Interview: धैर्य, पॉज़िटिव रुख और लगातार अभ्यास का मिला फायदा : कोनेरू हम्पी

Koneru Humpy Interview: हम्पी ने अपना उदाहरण देते हुए कहा कि मैं जब छह साल की थी तो मैंने अपने पिता से इस खेल को सीखा। हालांकि शतरंज के खेल में बेहद व्यस्तता के कारण उन्हें आगे पढाई करने में कई दिक्कते आईं लेकिन उन्होंने  शतरंज को ही अपना लक्ष्य बना लिया और आज इसी खेल की बदौलत वह ओएनजीसी में मुख्य प्रबंधक पद पर कार्यरत हैं।

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Koneru Humpy Interview: धैर्य, पॉज़िटिव रुख और लगातार अभ्यास का मिला फायदा : कोनेरू हम्पी

Aanchal Pandey

  • September 10, 2020 11:00 pm Asia/KolkataIST, Updated 4 years ago

पिछले दिनों मॉस्को ऑनलाइन चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली कोनेरू हम्पी ने आज समाज के साथ बातचीत में कहा कि ऑनलाइन खेलों को आजकल बहुत लोकप्रियता मिल रही है। ये बड़ा बदलाव है लेकिन फिर भी टेबल पर आमने सामने बैठकर खेलने का मज़ा ही कुछ और है।

हम्पी कहती हैं कि कई बार इंटरनेट के साथ डिस्कनेक्ट होने में बहुत समय लगता है। इससे समय की भी बर्बादी होती है। इंटरनेट कनेक्टिविटी और गति भी बड़ी परेशानी है हालाँकि अब इसके लिए कुछ ऐप बिना किसी बाधा के आसानी से चलने में मददगार साबित हो रहे हैं। मुझे धैर्य, सकारात्मक दृष्टिकोण और लगातार अभ्यास से अपने खेल के स्तर को ऊपर उठाने में मदद मिली है। इसके अलावा शतरंज में शुरुआत के लिए गेम सीखने के लिए बहुत सारे ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म और यूट्यूब ट्यूटोरियल हैं। इन्ही का अनुसरण करके शतरंज के खेल में अपना नाम कमाने के लिए ये किसी भी खिलाड़ी के लिए बहुत उपयोगी सुझाव साबित हो सकते हैं।

हम्पी ने अपना उदाहरण देते हुए कहा कि मैं जब छह साल की थी तो मैंने अपने पिता से इस खेल को सीखा। हालांकि शतरंज के खेल में बेहद व्यस्तता के कारण उन्हें आगे पढाई करने में कई दिक्कते आईं लेकिन उन्होंने  शतरंज को ही अपना लक्ष्य बना लिया और आज इसी खेल की बदौलत वह ओएनजीसी में मुख्य प्रबंधक पद पर कार्यरत हैं।

 हम्पी ने कहा कि उन्हें ट्रैवलिंग, गार्डनिंग, यूट्यूब लाइव, मूवीज देखना, मेडिटेशन,  घूमना-फिरना और शॉपिंग करना  बहुत पसंद है। माता-पिता का घर नज़दीक होने की वजह से उनकी कई समस्याओं का हल हो गया है। सुबह  अभ्यास के लिए समय निकालने के लिए मैं अपनी बेटी को अपने माता-पिता के पास छोड़ आती हैं। उनके पति भी उनके लिए प्रेरक का काम करते हैं।

खुदद को फिट रखने के लिए हम्पी बैडमिंटन खेलती हैं। उन्हें भी अपने आपको बहुत शांत एवं  संतुलित रहने के लिए आउटडोर गेम से बहुत फायदा मिलता है, जो शतरंज में उनके काम आता है। मैं तो सबको शतरंज खेलने की अपील करती हूं क्योंकि यह खेल आपकी याददाश्त बढ़ाता है। एक घंटे से भी कुछ कम खेलने से आप इस खेल का भरपूर फायदा उठा सकते हैं। धीरे-धीरे आपके खेल में भी निखार आएगा। आप इस खेल को इंजॉय करेंगे। उन्होंने कहा कि आज वह पोजीश्नल खेलना पसंद करती हैं। खुद को सुरक्षित रखकर और उसी के अनुसार आगे बढ़ने के लिए स्थिति अनुसार शतरंज खेलना उनकी पसंद है।

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