भारत और इंग्लैंड के बीच पुणे में खेले गए चौथे टी20 मैच में हर्षित राणा ने खूब सुर्खियां बटोरी हैं. इसकी वजह हर्षित का प्रदर्शन रहा है, जिन्होंने इंग्लैंड के 3 विकेट लेकर टीम इंडिया को मैच जिता दिया, लेकिन हर्षित राणा इस मैच का हिस्सा भी नहीं थे.
नई दिल्ली: भारत और इंग्लैंड के बीच पुणे में खेले गए चौथे टी20 मैच में हर्षित राणा ने खूब सुर्खियां बटोरी हैं. इसकी वजह हर्षित का प्रदर्शन रहा है, जिन्होंने इंग्लैंड के 3 विकेट लेकर टीम इंडिया को मैच जिता दिया, लेकिन हर्षित राणा इस मैच का हिस्सा भी नहीं थे. उन्हें मैच के बीच में शिवम दुबे के कन्कशन सब्स्टीट्यूट के तौर पर टीम में जगह मिली और फिर उन्होंने ये कमाल कर दिखाया. आख़िर कन्कशन क्या है और इसके नियम क्रिकेट में कैसे और क्यों लागू होते हैं?
आमतौर पर ऐसी सिर की चोट या किसी तरह की टक्कर को कन्कशन कहा जाता है जो दिमाग पर असर डालता है. अब इसका असर सीधे सिर या चेहरे या फिर गर्दन के आसपास के हिस्से पर भी हो सकता है. यानी ऐसी कोई भी चोट, जिसके कारण व्यक्ति को देखने, समझने और होश में रहने में दिक्कत होती है, कन्कशन कहलाती है. यह खेल की दुनिया में बहुत आम है, खासकर फुटबॉल, रग्बी और क्रिकेट जैसे खेलों में है.
क्रिकेट में अक्सर देखा जाता है कि गेंद कभी बल्लेबाज या फील्डर के सिर पर लगती है या कभी खिलाड़ी आपस में टकरा जाते हैं या कभी-कभी डाइव लगाते वक्त भी खिलाड़ी के सिर पर चोट लग जाती है. पहले क्रिकेट में कन्कशन को ज्यादा महत्व नहीं दिया जाता था, लेकिन 2013 में गेंद लगने से ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज फिल ह्यूज की मौत के बाद इस पर गंभीरता से विचार किया गया और आखिरकार 2019 में आईसीसी ने इस नियम को लागू कर दिया.
आपको बता दें कि 1 जुलाई 2019 से लागू हुए कन्कशन सब्स्टीट्यूट नियम में आईसीसी ने साफ कर दिया था कि अगर खेल के दौरान किसी खिलाड़ी के सिर पर गेंद लगती है या किसी अन्य तरह से चोट लगती है. तो मेडिकल टीम तुरंत उसकी जांच करेगी और जानेगी कि खिलाड़ी आगे खेलने की स्थिति में है या नहीं. अगर खिलाड़ी को किसी भी तरह का चक्कर आ रहा है या धुंधला दिखाई दे रहा है या दर्द हो रहा है तो उसे तुरंत मैदान से बाहर ले जाना होगा. बल्लेबाज की बात करें तो फिजियो को न सिर्फ खिलाड़ी की जांच करनी होती है बल्कि उसका हेलमेट भी बदलना होता है, भले ही हेलमेट अच्छी स्थिति में हो.
कन्कशन के मामले में, लक्षण तुरंत दिखाई नहीं देते हैं, लेकिन कभी-कभी वे कुछ मिनटों या घंटों के बाद भी दिखाई देते हैं. आईसीसी ने सबसे अहम शर्त यह रखी है कि विकल्प ‘लाइक फॉर लाइक’ होना चाहिए यानी जो खिलाड़ी चोटिल हुआ है,उनके जैसे ही किसी खिलाड़ी को शामिल करना होगा.’ एक बल्लेबाज को एक बल्लेबाज द्वारा प्रतिस्थापित किया जा सकता है, एक गेंदबाज को एक गेंदबाज द्वारा प्रतिस्थापित किया जा सकता है और एक ऑलराउंडर को एक ऑलराउंडर द्वारा प्रतिस्थापित किया जा सकता है. यदि टीम के पास ‘लाइक फॉर लाइक’ प्रतिस्थापन नहीं है तो रेफरी यह निर्णय ले सकता है कि किस खिलाड़ी को टीम में शामिल करने की अनुमति दी जा सकती है.
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