Ranji Trophy कोलकाता, रणजी ट्राफी (Ranji Trophy) के प्री क्वार्टर फाइनल का मुकाबाल झारखंड और नागालैंड के बीच खेले गए मुकाबले ने रणजी क्रिकेट के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ दिया. झारखंड की टीम ने लगातार पांच दिवसीय मुकाबले में मैराथन बल्लेबाजी करते हुए नागालैंड पर 1000 से भी ज्यादा रनों से बढ़त बना […]
कोलकाता, रणजी ट्राफी (Ranji Trophy) के प्री क्वार्टर फाइनल का मुकाबाल झारखंड और नागालैंड के बीच खेले गए मुकाबले ने रणजी क्रिकेट के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ दिया. झारखंड की टीम ने लगातार पांच दिवसीय मुकाबले में मैराथन बल्लेबाजी करते हुए नागालैंड पर 1000 से भी ज्यादा रनों से बढ़त बना ली. ये प्रथम श्रेणी क्रिकेट के इतिहास में अब तक किसी टीम द्वारा ली गई सबसे बड़ी बढ़त है.
झारखंड की टीम इस मुकाबले में सबसे ज्यादा रनों की लीड लेने का मुंबई टीम का 73 साल पुरान रिकॉर्ड तोड़ दिया. इससे पहले यह रिकॉर्ड मुंबई टीम के नाम पर दर्ज था, साल 1948-1949 में खेले गए एक मैच में मुंबई ने अपने विपक्षी जीम के खिलाफ 958 रनों की बढ़त ली थी. तमिलनाडु की टीम ने भी 1987-88 में उत्तर प्रदेश के खिलाफ खेलते हुए 881 रनों की बढ़त हासिल की थी.
इस मैराथन मुकाबलें में झारखंड टीम के बल्लेबाजों ने खूब रन बरसाए. तीन शतक और एक दोहरा शतक जड़ झारखंड के बल्लेबाज पूरे मैच में नागालैंड के गेंदबाजों पर हावी रहे. मैन ऑफ द मैच चुने गए कुमार कुशाग्र ने दोनों पारियों में 355 रन बनाए, वहीं अनुकूल राय ने पहली पारी में 59 और दूसरी पारी में 159 रन की पारी खेली.
रणजी ट्राफी के इस अहम मुकाबले में नागालैंड की टीम ने अपना ज्यादातर समय गेंदबाजी और फील्डिंग करते हुए ही बिताया. नागालैंड के गेंदबाजों ने इस मैच में 294 से अधिक ओवर की गेंदबाजी की. दूसरी पारी में झारखंड की टीम ने 1008 रनों की बढ़त हासिल कर ली थी. जिसके बाद दोनों टीमों ने मैच को ड्रॉ कराने का फैसला किया. जिसके बाद झारखंड की टीम ने क्वार्टर फाइनल में आसानी से अपनी जगह सुनिश्चित कर ली. बता दे कि प्लेट ग्रुप में नागालैंड की टीम अपने ग्रुप में टॉप पर थी।