बुडापेस्ट/नई दिल्लीः World Wrestling Championship 2018: भारतीय पहलवान बजरंग पूनिया को विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में फ्रीस्टाइल कुश्ती के खिताबी मुकाबले में हार का मुंह देखना पड़ा. जापान के ताकुटो ओटुगुरो ने उन्हें पुरुषों के 65 किलोग्राम वेट कैटेगरी के फाइनल में 16-9 से मात दी. बजरंग पूनिया को सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा. हालांकि इस हार के बावजूद उन्होंने नया रिकॉर्ड बनाया है. बजरंग इस चैम्पियनशिप में दो मेडल जीतने वाले पहले भारतीय बन गए हैं. 2013 में उन्होंने 60 किलोग्राम वेट कैटेगरी में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया था.
हंगरी के बुडापेस्ट में बजरंग पूनिया और ताकुटो ओटोगुरो के बीच खिताबी जंग के लिए मुकाबला हुआ. खेल की शुरूआत में ही 19 साल के ताकुटो ने 5 पॉइंट लेकर 24 वर्षीय बजरंग को दबाव में ला दिया था. बजरंग जल्द संभले और पलटवार करते हुए दो-दो पॉइंट के साथ खाता खोलते हुए स्कोर 4-5 कर दिया. ताकुटो ने फिर दो पॉइंट झटक लिए और 3 पॉइंट से बढ़त बना ली. इसके बाद बजरंग ने भी दो पॉइंट जुटाए और स्कोर 6-7 कर दिया.
ब्रेक के बाद एक बार फिर मुकाबला शुरू हुआ. इस बार बजरंग अपने ही दांव में उलझ गए और ताकुटो ने मौके का फायदा उठाते हुए 4 पॉइंट अपने नाम कर लिए. स्कोर 10-6 हो गया. आखिरी बचे कुछ मिनटों में बजरंग ने वापसी की पुरजोर कोशिशें की लेकिन वह सफल नहीं हो पाए. ताकुटो उन्हें कोई भी मौका नहीं दे रहे थे. जापानी पहलवान ताकुटो ओटोगुरो ने यह मुकाबला 16-9 से जीतकर गोल्ड मेडल अपने नाम किया. बजरंग पूनिया को सिल्वर से ही संतोष करना पड़ा.
बताते चलें कि फ्रीस्टाइल कुश्ती के सेमीफाइनल में बजरंग ने क्यूबा के एलेंजांड्रो वाल्देस तोबिएर को 4-2 से हराया था. इस जीत के साथ ही बजरंग पूनिया विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप के फाइनल में जगह बनाने वाले भारत के चौथे पहलवान हो गए हैं. उनसे पहले बिशंभर सिंह ने साल 1967, सुशील कुमार ने साल 2010 और अमित ने 2013 के फाइनल में जगह बनाई थी. अगर बजरंग यह मुकाबला जीत जाते तो वह इस चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल जीतने वाले दूसरे भारतीय बन जाते. इससे पहले दोहरे ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार मॉस्को में 2010 में हुए 66 किलोग्राम वेट कैटेगरी में भारत के लिए गोल्ड जीत चुके हैं.
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