IPL 2020: विकट यदि टर्निंग है या गेंद टप्पा पड़ने पर धीमी गति से आती हो तो वहां लेग स्पिनर अधिक कामयाब होते हैं उन पर रन बनाना वास्तव में काफी मुश्किल होता है। लेग स्टंप के बाहर टप्पा खाने के बाद 20 से 40 डिग्री पर टर्न करने के बाद बल्लेबाज को विकेट बचाकर सुरक्षात्मक खेलने, गेंद से गच्चा खाने, ऐज लगने तथा कई बार विकेट गवाने पर मजबूर होना पड़ता है।
नई दिल्ली: यूएई में होने वाले में आईपीएल में लेग स्पिनर इस बार खास भूमिका निभा सकते हैं। क्रिकेट पंडितों का मानना है कि धीमी एवं नीरस विकटों पर लेग स्पिनर किफायती होने के साथ-साथ विकेट चटकाने में कामयाब होंगे। क्रिकेट टेस्ट मैच के इतिहास पर नजर डाले तो लेग स्पिनर में इंगलैंड के जिम लेकर, भारत के चंद्रशेखर, अनिल कुंबले, पाकिस्तान के अब्दुल कादिर, मुश्ताक मोहम्मद और आस्ट्रेलिया के शेन वार्न आज भी अपने गेंदबाजी हुनर के लिए विश्व भर में जाने-सराहे जाते हैं।
विकट यदि टर्निंग है या गेंद टप्पा पड़ने पर धीमी गति से आती हो तो वहां लेग स्पिनर अधिक कामयाब होते हैं उन पर रन बनाना वास्तव में काफी मुश्किल होता है। लेग स्टंप के बाहर टप्पा खाने के बाद 20 से 40 डिग्री पर टर्न करने के बाद बल्लेबाज को विकेट बचाकर सुरक्षात्मक खेलने, गेंद से गच्चा खाने, ऐज लगने तथा कई बार विकेट गवाने पर मजबूर होना पड़ता है। इस बार के आईपीएल में धीमी गति विशेष तौर पर लेग स्पिनर अपना जलवा दिखाने के लिए बेताब है।
इस बारे में खेल पत्रकार मनीष शर्मा ने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं है कि दुबई में एक महीने से अधिक तक चलने वाले आई पी एल टूर्नामेंट में धीमी गति के गेंदबाज विशेषतौर पर लेग स्पिनर का दबदबा बना रहेगा। उसके कई कारण रहेंगे। सबसे बड़ा कारण वहां का तापमान तथा बिना घास वाले धीमे विकेट जहाँ पर धीमी गति के गेंदबाज के खिलाफ स्ट्राइक रोटेट करना भी भारी पड़ेगा। वैसे भी अब टेस्ट और वनडे मैचों की अपेक्षा ट्वेंटी ट्वेंटी फॉर्मेट में लेग स्पिनर ने अपनी गेंदबाजी की शैली में बहुत बदलाव किया है।
अब ट्वेंटी ट्वेंटी के ज़माने में लेग स्पिनर गेंदबाजों ने परम्परागत लेग स्पिनरों की तरह फ्लाइट, लूप देना बंद कर दिया है और आज के ज्यादातर लेग स्पिनर इमरान ताहिर, एडम जम्पा, यजुवेंद्र चहल लो-ट्रेजेक्टरी, योर्कर लेंग्थ तथा तेज डिलवरी फेंकने वाली कभी-कभी एकदम सीधी गेंदबाजी करते हुए खूब विकटें चटकाने में नाम रोशन किया है जो आगामी आईपीएल में भी काफी असरदार साबित होंगे जिनके सामने अच्छे-खासे बल्लेबाज भी धराशाही हो जाने को मजबूर हो जाते हैं।
वैसे इस बार अमित मिश्रा भी खूब धूम मचाएंगे क्योंकि उनके पास लम्बा अनुभव के साथ-साथ बतौर लेग स्पिनर तमाम तरह की वैरायटी है। उन्हें झेलना हर किसी बल्लेबाज के बस की बात नहीं है। हाल ही क्रिकेट में गेंदबाजों पर अपने विचार प्रकट करते हुए पूर्व क्रिकेटर,क्यूरेटर एवं कमेंटेटर वेंकटसुन्दरम का मत है कि विकेट भले ही कैसे भी हो, अच्छा गेंदबाज वही है जो रन भी कम दे और नियमित रूप से हर मैच में विकेट भी चटकाए। ये बात उन्हें विश्व के महानतम हरफनमौला क्रिकेटर सर गैरी सोबर्स ने उनसे कही थी।
उन्होंने यह भी कहा कि दुबई में उनके पास मात्र दो-तीन ही मैदान हैं और उससे भी बड़ी बात है इस आईपीएल टूर्नामेंट के एक ही दिन दो-दो मैच एक ही मैदान पर तक़रीबन हर दुसरे दिन खेले जाएंगे। ये वहां पिचों को बनाने वाले ग्राउंड्समैन के लिए बड़ा चुनौतीपूर्ण रहेगा। लेग स्पिनरों में एडम जैम्पा, इमरान ताहिर और राशिद खान कमाल के गेंदबाज हैं ये अपनी-अपनी टीम की सफलता में इतिहास रचने में अवश्य कामयाब रहेंगे। वहीँ तेज गेंदबाजों के लिए निरंतर मैचों को कुछेक मैदान पर ही बार-बार मैच कराने की मज़बूरी के कारण फ्रंट फुट गेंद डिलीवर करने वाली जगह पर क्रीच उधेड़ने तथा गेंदबाज के लिए चोटिल होने की आशंका बनी रहेगी.
कल ही आस्ट्रेलिया-इंग्लेंड मैच की बात करें मेरा अनुमान था कि 240 एक विनिंग टोटल होना चाहिए लेकिन ऑस्ट्रेलियन टीम 200 रन भी बनाने में कामयाब नहीं हुई और 25 रनों से हार गई। कहने का मतलब साफ है जिस पिच पर गेंद रुककर-धीमी आती है वहां किसी भी बल्लेबाज़ को आक्रामक शॉट लगाने में दिक्कते आती हैं और टीम बड़ा स्कोर भी नहीं कर पाती है और लेग स्पिनर वही अच्छा माना जाता है जो गुगली अथवा कभी-कभी फुलटॉस पर भी बल्लेबाज को ललचाकर विकेट निकाल ले।
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