भारतीय क्रिकेट टीम में 'दीवार' के नाम से मशहूर राहुल द्रविड़ ने कुछ ऐसी बात कह दी है जिसे सुनकर उनके फैंस के लिए यकीन कर पाना मुश्किल हो रहा है. बेंगलुरु में हुए गो स्पोर्ट्स ऐथलीट्स कार्यक्रम में राहुल द्रविड़ ने कहा कि हमारे वक्त की बात की जाए तो एक अर्धशतकीय पारी किसी भी बल्लेबाज के लिए हमेशा से अच्छा स्कोर माना गया है.
बेंगलुरु: भारतीय क्रिकेट टीम में ‘दीवार’ के नाम से मशहूर पूर्व क्रिकेटर राहुल द्रविड़ ने कुछ ऐसी बात कह दी है जिसे सुनकर उनके फैंस के लिए यकीन कर पाना मुश्किल हो रहा है. बेंगलुरु में हुए गो स्पोर्ट्स ऐथलीट्स कार्यक्रम में राहुल द्रविड़ ने कहा कि हमारे वक्त की बात की जाए तो एक अर्धशतकीय पारी किसी भी बल्लेबाज के लिए हमेशा से अच्छा स्कोर माना गया है. क्रिकेट के सभी प्रारूपों में मैंने 604 पारियां खेली हैं, जिसमें मैंने 410 पारियों में 50 से अधिक रन नहीं बनाए. उन्होंने आगे कहा कि मैं अपने क्रिकेट करियर में सफल होने के मुकाबले बहुत बार असफल हुआ हूं, मैंने असफलता का सामना ज्यादा किया है और इसलिए मैं असफलताओं के मुद्दे पर ज्यादा बातचीत कर सकता हूं.
पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ ने अपने साथी खिलाड़ी और क्रिकेट के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के आंकड़े भी पेश किए. राहुल द्रविड़ ने कहा कि अगर मेरी पीढ़ी के सबसे सफल बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर की ही बात करें, तो भले ही उन्होंने 100 अंतरराष्ट्रीय शतक लगाए हैं. लेकिन भारत के लिए 781 बार खेलने वाले सचिन भी 517 बार 50 के इस आकड़े को पार नहीं कर पाए थे. तो ऐसे में वह भी सफल होने से ज्यादा असफल ही रहे है.
पूर्व क्रिकेटर राहुल द्रविड़ ने कहा कि मैंने अपने दौर के महान खिलाड़ियों या ऐथलीट्स जिन्हें मैं जानता हूं, से जो सीखा, वह यह है कि वे सभी अपनी असफलताओं के प्रति एक खास नजरिया रखते थे. द्रविड़ का कहना है कि जीवन में हमें हमेशा असफलता ही ज्यादा हाथ लगती है, जबकि सफलता हमें कभी-कभी मिलती है.
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