सिडनी. आखिरकार 70 साल बाद ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीतने का भारत का सपना साकार हुआ. टीम इंडिया ने कंगारुओं को उन्हीं के घर में मात देकर 2-1 से टेस्ट सीरीज अपने नाम की. भारत को टेस्ट सीरीज जिताने में सबसे अहम रोल चेतेश्वर पुजारा और जसप्रीत बुमराह का रहा. चेतेश्वर पुजारा ने जहां इस टेस्ट सीरीज में 521 रन बनाए वहीं जसप्रीत बुमराह ने भारत की ओर से सर्वाधिक 21 विकेट झटके. चेतेश्वर पुजारा को उनके यादगार प्रदर्शन के लिए उन्हें मैन ऑफ द मैच और मैन ऑफ द सीरीज के पुरस्कार से नवाजा गया.
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली गई इस टेस्ट सीरीज की बात की जाए तो 4 मैचों की इस श्रखला में पहला मैच एडिलेड में खेला गया जिसे भारत ने 31 रनों से जीता. वहीं पर्थ में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया ने वापसी कर भारत को 146 रनों से शिकस्त दी. वहीं इस सीरीज का तीसरा टेस्ट मैच मेलबर्न में खेला गया जिसमें टीम इंडिया ने वापसी करते हुए ऑस्ट्रेलिया को 137 रनों से रौंदकर 2-1 से अजेय बढ़त बना ली. जबकि सिडनी में दोनों टीमों के बीच सीरीज का खेला गया अंतिम मैच ड्रॉ रहा.
यूं तो भारतीय क्रिकेट टीम ने ऑस्ट्रेलिया का पहला दौरा साल 1947-48 में लाला अमरनाथ की कप्तानी में किया. उस समय कंगारू टीम के कप्तान सर डॉन ब्रेडमैन थे. तब लेकर 2018-19 तक टीम इंडिया 12 बार ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज खेलने गई लेकिन हर टेस्ट सीरीज के बाद भारत को निराशा हाथ लगी. 1977-78 में भारत ने बिशन सिंह बेदी की कप्तानी में लगातार 2 टेस्ट जीतकर ऑस्ट्रेलिया की बराबरी की जरूर लेकिन अंतिम टेस्ट में टीम इंडिया को हार का सामना करना पड़ा और भारत उस 5 टेस्ट मैच की सीरीज में 3-2 से हार गया. उस सीरीज के बाद से टीम इंडिया ने सुनील गावस्कर, कपिल देव, मोहम्मद अजरूद्दीन, सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, अनिल कुंबले, महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई में ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया लेकिन इनमें से कोई भी कप्तान भारत को टेस्ट सीरीज में जीत नहीं दिला सका.
इस बार विराट कोहली कोहली को नेतृत्व वाली भारतीय क्रिकेट टीम से इतिहास रचने की उम्मीदें थीं जो विराट की कप्तानी में साकार भी हुई. इस तरह 70 साल बाद क्रिकेट के पन्नों में एक स्वर्णिम अध्याय जुड़ा गया. ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर टेस्ट सीरीज में मिली यह जीत निश्चित तौर पर आने वाले मैचों के लिए उत्प्रेरक का काम करेगी.
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